बुलंदशहर। जनपद के स्वास्थ्य केंद्रों पर शुक्रवार को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) दिवस के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें गर्भवती महिलाओं की प्रसव से पूर्व होने वाली जांच की गईं। अभियान के तहत जांच में उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली 144 गर्भवती की पहचान हुई। चिकित्सकों ने ऐसी गर्भवती को उच्च चिकित्सा केन्द्रों पर रेफर किया, जिससे उन्हें समय से बेहतर इलाज मिल सके।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ विनय कुमार सिंह ने बताया- स्वास्थ्य विभाग गर्भवती महिलाओं व नवजात शिशु के स्वास्थ्य को लेकर बेहद गंभीर है। हर महीने जनपद के स्वास्थ्य केंद्रों पर चार बार प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस का आयोजन किया जा रहा है। आयोजित शिविर में लोगों को जागरूक किया जा रहा है। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ी है, अब गर्भवती प्रसव पूर्व करा रही हैं।
उन्होंने कहा – गर्भवती की प्रसव से पहले सभी जांच जरूरी हैं। शुक्रवार को जनपद के जिला अस्पताल सहित 28 शहरी व ग्रामीण स्वास्थ्य केन्द्रों पर 1449 गर्भवती की ब्लड प्रेशर, वजन, हीमोग्लोबिन व पेट की जांच की गई। उन्होंने कहा- सभी गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच होना आवश्यक है, जिससे समय पर जोखिम की पहचान कर मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील कुमार सिंह ने कहा- स्वास्थ्य इकाइयों तक आने वाली अधिकतर गर्भवती संसाधन विहीन, वंचित समुदाय से तथा दूर दराज के गांवों से आती हैं। अतः प्रयास किया जाता है कि आने वाली समस्त गर्भवती को उसी दिन सभी जाँच (ब्लड टेस्ट, ब्लड प्रेशर, यूरिन टेस्ट, हीमोग्लोबिन, अल्ट्रासाउंड) प्रदान की जायें, जिससे उन्हें बार-बार स्वास्थ्य इकाई पर न आना पड़े। यदि सम्बन्धित चिकित्सालय पर कोई जांच उपलब्ध नहीं है, तो उच्च स्तरीय इकाई पर संदर्भित कर सेवा प्रदान की जाती है।
गर्भावस्था में जब जटिलताओं की संभावना अधिक होती है तो, उस गर्भावस्था को हाई रिस्क प्रेगनेंसी (उच्च जोखिम वाली गर्भवस्था) में रखा जाता है। इसका पता लगाने के लिए प्रशिक्षित चिकित्सक के द्वारा प्रसव पूर्व सम्पूर्ण जांच कराना बहुत जरूरी होता है। उन्होंने बताया आशा कार्यकर्ताओं की ज़िम्मेदारी है कि वह अपने क्षेत्र की सभी गर्भवती को इस दिवस पर स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर आयें और उनकी जांच करवाएं।