मुर्शिदाबाद/कोलकाता।पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ संशोधन कानून को लेकर मचे बवाल और सांप्रदायिक तनाव के बीच भारतीय सेना ने मोर्चा संभाल लिया है। जैसे ही सेना ने सड़कों पर कदम रखा, पूरे इलाके में राहत की सांस ली गई। सेना द्वारा किए जा रहे फ्लैग मार्च ने एक बार फिर साबित कर दिया कि जब हालात बेकाबू होते हैं, तो आर्मी ही सबसे बड़ी उम्मीद बनकर उभरती है।
आर्मी की सख्त निगरानी और मुस्तैदी के बीच लोगों से बार-बार शांति और संयम बनाए रखने की अपील की जा रही है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस के साथ समन्वय कर सेना संवेदनशील इलाकों में पैनी नजर बनाए हुए है।
इसी बीच, वक्फ संशोधन कानून को लेकर सियासी संग्राम भी तेज हो गया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को राज्यवासियों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि “हम इस कानून का समर्थन नहीं करते और इसे बंगाल में लागू नहीं किया जाएगा।”
हालांकि ममता की इस बात पर भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने ममता बनर्जी पर झूठ बोलने और हिंसा भड़काने का आरोप लगाया। मालवीय ने आरोप लगाया कि शुक्रवार की नमाज के बाद जानबूझकर भीड़ को उकसाया गया और मुख्यमंत्री कार्यालय से इसके लिए सहमति मिली थी।
मालवीय ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में एक वीडियो साझा करते हुए दावा किया कि टीएमसी नेता और मंत्री सिद्दीकुल्लाह चौधरी ने खुद कहा है कि “सीएम ऑफिस से फोन आया था कि इस भीड़ को देखकर ममता दीदी बहुत खुश हैं।”
उन्होंने ममता पर यह भी आरोप लगाया कि वह यह झूठ फैला रही हैं कि राज्य सरकार संसद द्वारा पारित कानून को लागू नहीं करेगी, जबकि किसी राज्य सरकार के पास ऐसा अधिकार नहीं होता। उन्होंने कहा कि इस हिंसा के लिए ममता बनर्जी पूर्ण रूप से जिम्मेदार हैं।
ममता बनर्जी ने अपने बचाव में कहा, “जो कानून केंद्र ने बनाया है, उससे हमारा कोई लेना-देना नहीं। दंगा किस बात पर हो रहा है? राजनीति के लिए किसी की जान लेना निंदनीय है। हम शांति चाहते हैं और दंगा फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”