बुलंदशहर। देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के लिए कवायद तेज हो रही है। स्वास्थ्य विभाग समय-समय पर अभियान चलाकर टीबी मरीजों की खोज कर रहा है। संभावित मरीजों के नमूने लेकर जांच को भेजे जा रहे हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ विनय कुमार सिंह ने बताया जनपद में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स (एचडब्ल्यूसी) के जरिए 21 कार्य दिवस का एक विशेष अभियान चलाकर 32 टीबी मरीज खोजे हैं। इन मरीजों का उपचार शुरू हो चुका है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ विनय कुमार सिंह ने बताया शासन के निर्देश पर जनपद में टीबी मरीज खोजने के लिए 15 से सात जून तक विशेष अभियान चलाया गया। अभियान के दौरान आशा कार्यकर्ताओं ने कुल 6503 घरों में जाकर 8451 लोगों की स्क्रीनिंग की, जिसमें 2500 संभावित मरीजों के नमूने जांच के लिए भेजे गए। स्वास्थ्य विभाग की जांच में 32 लोगों में टीबी की पुष्टि हुई है। विशेष अभियान के दौरान मिले नए मरीजों का डाटा निक्षय पोर्टल पर अपलोड करते हुए सभी मरीजों का उपचार शुरू कर दिया है।
कार्यवाहक जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. वेद सिंह ने बताया जनपद में विशेष अभियान चलाकर घर-घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग की गई, जिसमें स्वास्थ्य विभाग को 32 टीबी के मरीज मिले हैं। अब स्वास्थ्य विभाग टीबी मरीजों के परिजनों की स्क्रीनिंग करेगा। डीटीओ ने टीबी मरीजों के स्वजनों से अपील की है कि वह अपनी और परिजनों की जांच अवश्य करा लें। उन्होंने कहा क्षय रोगी के ज्यादा संपर्क में उसके परिवार के सदस्य रहते हैं, फेफड़ों की टीबी मरीज के ड्रॉपलेट्स से हवा के जरिए फैलती है। बोलते या छींकते समय रोगी के मुंह से निकलने वाली ड्रॉपलेट के साथ टीबी का संक्रमण दूसरे व्यक्ति में प्रवेश कर जाता है। उन्होंने कहा टीबी की बीमारी अब लाइलाज नहीं है। सही खानपान और नियमित उपचार से टीबी का इलाज संभव है।