मेरठ। जनपद के स्वास्थ्य केन्द्रों पर शुक्रवार को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस मनाया गया। इस दौरान स्वास्थ्य केंद्रों पर 978 गर्भवती के स्वास्थ्य की जांच की गयी। जांच में 97 गर्भवती उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली चिन्हित की गयीं। इन सभी को उच्च चिकित्सा केन्द्रों पर रेफर किया गया है। इस दौरान 183 गर्भवती के अल्ट्रासाउंड किए गये।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अखिलेश मोहन ने बताया संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने और मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से जनपद में बुधवार को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान 978 गर्भवती के स्वास्थ्य (ब्लड प्रेशर, ब्लड टेस्ट,यूरिन टेस्ट, हीमोग्लोबिन) की जांच की गयी, जिसमें 97 गर्भवती उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली मिलीं, उन्हें उच्च चिकित्सा केन्द्रों पर रेफर किया गया। 32 गर्भवती को सुक्रोज इंजेक्शन दिया गया, इनमें खून की कमी पायी गयी थी।
जिला सलाहकार मातृ स्वास्थ्य इलमा अजीम ने बताया, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर दूसरी व तीसरी तिमाही की गर्भवती पर फोकस रहता है। इसमें उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली गर्भवती को चिन्हित किया जाता है। जांच कराने आयी आशा वशिष्ठ का कहना था सरकारी अस्पतालों में सुविधाएं बेहतर हो गयी हैं। इसका लाभ सीधे मरीजों को मिल रहा है।
सीएमओ ने बताया – शासन की ओर से महिलाओं के कल्याण के लिए कई योजनाएं चलायी जा रही हैं। इन्हीं में जननी सुरक्षा योजना और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना भी है। जननी सुरक्षा योजना में संस्थागत प्रसव कराने पर शहरी क्षेत्र में 1000 रुपये और ग्रामीण क्षेत्र में 1400 रुपये दिये जाते हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में पहली बार मां बनने पर दो किस्तों में पांच हजार रुपये दिये जाते हैं। इन योजनाओं की धनराशि लाभार्थी के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर की जाती है। बैंक में खाता नहीं होने के कारण कई बार महिलाओं को लाभ नहीं मिल पाता है, इसलिए विभाग ने बैंकों के माध्यम से जीरो बैलेंस पर खाता खोलने की व्यवस्था की है। इससे लाभार्थी को सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर लाभार्थियों की परिवार नियोजन के लिए भी काउंसलिंग की गयी।