अब वेट लिफ्टिंग में वेस्ट की बेल्ट से निकलेंगे पदक – किरेन रिजिजू


पदक के पीछे छिपा होता है संघर्ष – मीरा बाई चानू
मोदी नगर में वेटलिफ्टिंग वॉरियर्स अकादमी के रेजिडेंशियल विंग का उद्घाटन

मेरठ / मोदीनगर। अब वेस्ट की बेल्ट से वेटलिफ्टिंग में पदक आने वाले है। इसकी शुरूआत मोदी नगर से आरंभ होने जा रही है। यह बातें केन्द्रीय केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री एवं अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने वेटलिफ्टिंग वॉरियर्स अकादमी के नए रेजिडेंशियल विंग का उद्घाटन के समय कही।
उन्होंने कहा उनके खेल मंत्री रहते काफी बदलाव किया । खेला इंडिया व फिट इंडिया की शुरुआत की है। खेलो इंडिया के तहत उभरती प्रतिभाओं को खोजना था। जब कि पिट इंडिया का मकसद अपने को स्वस्थ रखना था। इसका असर यह दिखाई दिया। काफी प्रतिभा दिखाई दी। जिसमें एक मीरा बाई चानू है। उन्होंने मीराबाई को उदाहरण देते हुए अकादमी में प्रशिक्षण ले रहे लड़कियों व युवाओं को से कहा मीराबाई ने इस मुकाम को पहुंचाने के लिए काफी कठिनाई को सामना करना है। लेकिन उन्होंने अपना मिशन पदक टारगेट रखा । पिचक्चर सबसे सामने है। उन्होंनें एशियाई खेलों के बारे में जानकारी देत हुए कभी भारत की हॉकी में धाक थी। लेकिन धीरे -धीरे समाप्त हो गयी थी । लेकिन एशियाई खेलों में सिल्वर पदक प्राप्त कर हॉकी में एक बार एशियाई में हॉकी की उम्मीद को बरकरार रखने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कभी खिलाड‍़ी को मांझने के लिए खिलाड़ी की मेहहन व कोच , खानपान का महत्व होता है। अगर ये तीनो चीजे उसे मिल जाए तो टारगेट को प्राप्त करने के लिए कठिनाई का सामना नहीं करना पडत है। उन्होंने कहा जो भारती खिलाडी मीराबाई चानू ओलंपिक खेलो में पदक पाने के लिये तैयारी कर रही है। अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों के लिए बहुत अच्छी बात है। युवा मीराबाई के अनुभव लेकर अपने को तैयार कर सकेंगे।
कहा, “मैंने अपने जीवन में कई अकादमियां देखी हैं, लेकिन जिस तरह से विजय ने इस अकादमी को समर्पण और मेहनत के साथ चलाया है, वह अद्वितीय है। मुझे पूरा विश्वास है कि यहां से एक चैंपियन अवश्य उभरेगा।”
मीराबाई चानू ने युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करते हुए कहा, “2036 ओलंपिक केवल एक सपना नहीं है, यह हमारे देश के प्रति एक प्रतिबद्धता है। जब आप प्रशिक्षण लेते हैं, तो 1.4 अरब भारतीयों के सपनों को साथ लेकर चलते हैं।”
वेटलिफ्टिंग के मुख्य राष्ट्रीय कोच विजय शर्मा द्वारा सितंबर 2024 में स्थापित इस अकादमी में अब 30 पूरी तरह सुसज्जित कमरों में 60 खिलाड़ियों के ठहरने की व्यवस्था है। वर्तमान में 8 से 14 वर्ष के 40 युवा खिलाड़ी और 15 वरिष्ठ खिलाड़ी यहां प्रशिक्षण ले रहे हैं। जिसमें 42 खिलाडी मेघालय नागालैंड , महाराष्ट्र , तेलागाना व गोवा है कोच विजय शर्मा ने अपने विचार साझा करते हुए कहा, “आज मेरा सपना साकार हुआ है। मीराबाई के मार्गदर्शन में ये बच्चे कुछ सीखेंगे और आगामी ओलंपिक में अच्छा प्रदर्शन करेंगे।”
अकादमी खेलो इंडिया योजना, युवा कार्य एवं खेल मंत्रालय, भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI), ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट और भारतीय भारोत्तोलन महासंघ (IWLF) के सहयोग से संचालित होती है। इसमें आधुनिक जिम, रिकवरी ज़ोन (स्टीम, सॉना, आइस बाथ), और सात कोच, तीन फिजियोथेरेपिस्ट तथा दो प्रमाणित मालिश विशेषज्ञों की टीम शामिल है।यह नया रेजिडेंशियल विंग भारत की 2036 ओलंपिक तैयारियों की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

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