नोएडा। वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने के संकल्प को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत तेजी से प्रयास चल रहे हैं। इसी क्रम में जनपद में चार ग्राम पंचायतों की ओर से टीबी मुक्त पंचायत के लिए दावा पेश किया गया है। इसमें दो पंचायत दादरी ब्लॉक और दो पंचायत जेवर ब्लॉक की हैं। निर्धारित प्रक्रिया पूरी होने के बाद इन पंचायतों को टीबी मुक्त पंचायत का प्रमाणपत्र दिया जाएगा। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील कुमार शर्मा ने दी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया- जनपद की जिन चार पंचायतों की ओर से दावा प्रस्तुत किया गया है उनमें तीन में टीबी का एक भी मरीज नहीं है, केवल एक पंचायत में टीबी का एक मरीज है। उन्होंने बताया- दादरी ब्लॉक की दो पंचायत उपरालसी व गुलावठी खुर्द, जेवर ब्लॉक की दो पंचायत चचूरा व दिलेरपुर की ओर से टीबी मुक्त पंचायत का दर्जा हासिल करने के लिए दावा पेश किया गया है। उन्होंने बताया- दादरी की उपरालसी पंचायत में 1388 की आबादी में केवल एक टीबी मरीज मिला है, जबकि गत वर्ष यहां टीबी सक्सेस रेट सौ प्रतिशत था। इसके अलावा यहां दवा वितरण, निक्षय पोषण योजना, न्यूट्रिशन सपोर्ट में भी उपलब्धि सौ प्रतिशत रही। 1469 की आबादी वाली गुलावठी खुर्द पंचायत में एक भी टीबी रोगी नहीं है। इसी तरह जेवर ब्लॉक की दो पंचायत चचूरा व दिलेरपुर में टीबी का एक भी रोगी नहीं है। चचूरा की आबादी 2005 व दिलेरपुर की आबादी 207 है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. आर.पी सिंह ने बताया- जिला पंचायती राज अधिकारी की ओर से टीबी मुक्त पंचायत का दावा पेश किये जाने के बाद सत्यापन का कार्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जा रहा है। 15 फरवरी तक सत्यापन कर लिया जाएगा। उसके बाद आगे की प्रक्रिया पूरी कर इन्हें टीबी मुक्त पंचायत का प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
टीबी मुक्त पंचायत घोषित करने की प्रक्रिया
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया- भारत सरकार की ओर से जारी दिशा निर्देशों के अनुरूप ब्लाक स्तर से टीबी मुक्त ग्राम पंचायत का दावा स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से पंचायती राज विभाग के माध्यम से जिला क्षय रोग अधिकारी को प्रस्तुत किया जाना है। जिला क्षय रोग अधिकारी ब्लाक स्तर से प्रस्तुत दावों का परीक्षण करने के बाद उपयुक्त पायी गयी ग्राम पंचायतों की सूची जिला पंचायती राज अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। जिला पंचायती राज अधिकारी प्रस्तुत दावों का परीक्षण कर हस्ताक्षर करने के बाद दोबारा जिला क्षय रोग अधिकारी को एक सप्ताह में उपलब्ध कराएंगे। इसके बाद सभी का सत्यापन जनपद स्तरीय टीम द्वारा किया जाएगा। सत्यापन के लिए यह टीम उस ग्राम पंचायत में सर्वे करेगी और टीबी मरीज से बातचीत करेगी कि उसे सभी लाभ मिले अथवा नहीं।
जनपद स्तरीय सत्यापन कमेटी में मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं उनके द्वारा नामित सदस्य, जिला पंचायती राज अधिकारी एवं उनके द्वारा नामित सदस्य, जिला क्षय रोग अधिकारी, आईएमए के प्रतिनिधि, मेडिकल कालेज के कम्युनिटी मेडिसिन के प्रतिनिधि एवं अन्य विभागों के प्रतिनिधियों को सम्मिलित करते हुए टीम का गठन किया जाना है। जनपद स्तरीय सत्यापन कमेटी में मुख्य चिकित्सा अधिकारी को अध्यक्ष और जिला क्षय रोग अधिकारी को सहयोजक नामित किया गया है।
ब्लाक स्तर से प्रस्तुत दावों के परीक्षण के उपरान्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा गठित जनपद स्तरीय टीम इन ग्राम पंचायतों एवं आंकड़ों का भौतिक सत्यापन का कार्य पूरा करेगी। जिलाधिकारी इन ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त ग्राम पंचायत घोषित करते हुए उन्हें प्रमाणपत्र प्रदान करेंगे।