चेन्नई/नई दिल्ली। चक्रवात मिचौंग के कारण चेन्नई में भारी बारिश हो रही है। विभिन्न इलाकों में जलभराव होने की वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। अति जल प्लावित इलाकों में शिक्षण संस्थानों, बैंकों और अन्य सरकारी कार्यालयों को बंद कर दिया गया है। चेन्नई एयरपोर्ट के रनवे पर पानी भरने के कारण उसे सोमवार रात 11 बजे तक के लिए बंद कर दिया गया है। इस दौरान कुछ उड़ानों का मार्ग भी परिवर्तित किया गया है।
राज्य के मुख्य सचिव शिव दास मीणा की ओर से सोमवार जारी आदेश में कहा गया है कि चेन्नई, तिरुवल्लुर, कांचीपुरम और चेंगलपट्टू जिलों में सभी स्कूल, कॉलेज, शैक्षणिक संस्थान, सार्वजनिक उपक्रमों/निगमों, बोर्डों, बैंकों और वित्तीय संस्थानों के कार्यालयों सहित सरकारी कार्यालय मंगलवार को बंद रहेंगे।
तमिलनाडु राजभवन की ओर से कहा गया है कि चक्रवात मिचौंग से कुछ पूर्वी तटीय जिले बुरी तरह प्रभावित हैं और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और आवश्यक सेवाओं को बनाए रखने के लिए केंद्र और राज्य की एजेंसियों को तैनात किया गया है। स्थिति पर केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा उच्चतम स्तर पर नजर रखी जा रही है।
राज्यपाल ने हालत को देखते हुए लोगों से राज्य सरकार की सलाह का पालन करने और स्थिति में सुधार होने तक घर पर सुरक्षित रहने की अपील की है।
भारी बारिश की वजह से चेन्नई एयरपोर्ट के रनवे पर जलभराव हो गया है। इसके मद्देनजर चेन्नई हवाईअड्डे ने अपना हवाई क्षेत्र आज सुबह 9.17 बजे से रात 11 बजे तक बंद कर दिया है। चेन्नई एयरपोर्ट से करीब 11 उड़ानों को केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (केआईए) की ओर मोड़ दिया गया है।
उधर, बेंगलुरू अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि चेन्नई में उतरने वाली घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को केआईए की ओर डाइवर्ट किया गया है। एयरपोर्ट अधिकारियों के मुताबिक चेन्नई से बेंगलुरू के लिए इंडिगो, स्पाइसजेट, एतिहाद, गल्फ एयर, फ्लाई दुबई, एयर इंडिया, लुफ्थांसा और ब्रिटिश एयरवेज की उड़ानों को डायवर्ट किया गया है। इनमें से 10 डायवर्ट उड़ानें केआईए पर उतर चुकी हैं, जबकि एक अन्य आने वाली है।
उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में 2015 के दौरान बाढ़ के कारण हवाई अड्डे को कम से कम चार दिनों के लिए बंद करना पड़ा था। केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (केआईए) बेंगलुरू शहर से 40 किलोमीटर बाहर देवनहल्ली में स्थित है। यह 4 हजार एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है।