लखनऊ। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को नफरती भाषण मामले में कोर्ट ने दोषी करार दिया है। कोर्ट ने आजम खान को दो साल की कैद और ढाई हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। सजा के प्रश्न पर आजम खान के अधिवक्ता और अभियोजन का पक्ष सुना गया। आजम खान न्यायिक अभिरक्षा में हैं।
हेट स्पीच मामले में एलपी-एमएलए कोर्ट का फैसला आने पर दोषी पाए गए आजम खान को 2 साल की सजा सुनाए जाने के बाद न्यायिक हिरासत में ले लिया गया। आजम खान के वकील अब उनकी जमानत के लिए अर्जी लगा रहे हैं।
अभियोजन पक्ष के सहायक अधिवक्ता संदीप सक्सेना ने कहा, “आजम को तीन धाराओं में सजा सुनाई गई है। दो धाराओं में 2-2 साल की सजा सुनाई है। जबकि, एक धारा में एक महीने की सजा सुनाई गई है। आजम ने मुख्यमंत्री और तत्कालीन डीएम के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिया था।”
शनिवार को अदालत ने आजम खान पर इस मामले में दोष सिद्ध कर दिया। फैसला सुनाने से पहले उन्हें अदालत में तलब किया गया। आजम खान अपने बेटे अब्दुल्ला के साथ पहुंचे।
अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी ने बताया कि इस मुकदमे में उन्हें दो साल की सजा सुनाई गई है। 171जी में 500 रुपये का जुर्माना और एक महीने की जेल, 505(1)बी में 1000 रुपये जुर्माना और दो साल की सजा, 125 में 1000 रुपये का जुर्माना और दो साल की सजा का प्रावधान है।
गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान सपा नेता आजम खान के खिलाफ थाना शहजादनगर के धमोरा में एक चुनावी जनसभा में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने को लेकर एक मामला तत्कालीन वीडियो निगरानी टीम प्रभारी अनिल कुमार चौहान ने दर्ज कराया था।
आजम खान पर तत्कालीन मुख्यमंत्री, रामपुर के तत्कालीन जिला निर्वाचन अधिकारी और निर्वाचन आयोग को निशाना बनाते हुए भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया गया।
पिछले साल रामपुर की एक एमपी/एमएलए कोर्ट ने आजम खान को 2019 के एक अन्य नफरती भाषण मामले में दोषी ठहराया था और उन्हें तीन साल की सजा सुनाई थी। जिसके बाद उन्हें उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।