तीस हजारी कोर्ट के बाहर दो महिलाओं को दिया गया ‘तीन तलाक’, एफआईआर दर्ज

नई दिल्ली। तीस हजारी अदालत परिसर के अंदर और बाहर ‘तीन तलाक’ के दो मामले सामने आए हैं। पुलिस ने यह जानकारी दी।

एक पुलिस अधिकारी ने आगे कहा कि मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 को लागू करते हुए सब्जी मंडी पुलिस स्टेशन में तीन तलाक के दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए।

पहले मामले में, बटला हाउस निवासी 27 वर्षीय शिकायतकर्ता डॉ. टी ने आरोप लगाया कि 11 जुलाई, 2023 को वह तीस हजारी कोर्ट में अपनी बहन के साथ भरण-पोषण और घरेलू हिंसा अधिनियम से संबंधित अदालती कार्यवाही में भाग ले रही थी। उसी दौरान उसके पति ने अदालत कक्ष के बाहर उसे तीन तलाक दे दिया।

रसायन विज्ञान में पीएचडी डॉ. टी ने अपने पति के खिलाफ तलाक का मामला दायर नहीं किया था।

पुलिस उपायुक्त (उत्तर, मनोज कुमार मीणा) ने कहा, “गहन जांच के बाद मामला दर्ज कर लिया गया है।”

दूसरा मामला यहां श्रद्धानंद मार्ग निवासी 24 वर्षीय शिकायतकर्ता का था, जिसकी शादी 18 फरवरी, 2021 को मुंबई में हुई थी।

डीसीपी ने कहा, “अपने ससुराल वालों द्वारा कथित उत्पीड़न के कारण उसने अपना वैवाहिक घर छोड़ दिया और दिल्ली में अपने माता-पिता के घर लौट आई। उसने पहले पीएस कमला मार्केट में आईपीसी की धारा 498ए और 406 के तहत मामला दर्ज कराया था और भरण-पोषण और घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत अदालत में एक याचिका दायर की थी।“

12 जुलाई, 2023 को तीस हजारी अदालत में अपने परिवार के साथ भरण-पोषण और घरेलू हिंसा अधिनियम से संबंधित अदालती कार्यवाही में भाग लेने के दौरान उन्होंने दावा किया कि उनके पति नईम मोहम्मद अंसारी ने अदालत कक्ष के बाहर तीन तलाक कहा।

डीसीपी ने कहा, “पहले मामले की तरह शिकायतकर्ता द्वारा तलाक का कोई मामला दायर नहीं कराया गया था। विस्तृत जांच के बाद मामला आधिकारिक तौर पर दर्ज कर लिया गया है।”

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