बेंगलुरु। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी के कर्नाटक नेतृत्व से पार्टी में दूसरेे दलों से लाए गए नेताओं की विचारधारा और पृष्ठभूमि का उचित मूल्यांकन करने को कहा। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति नहीं होनी चाहिए कि वे आज आएं और कल चले जाएं।
पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार के पार्टी छोड़ने और कांग्रेस से फिर भाजपा में शामिल होने की पृष्ठभूमि में पार्टी मुख्यालय में अपने संबोधन में खड़गे ने कहा कि अन्य राजनीतिक दलों से नेताओं को लाकर पार्टी को मजबूत करना उचित है, लेकिन उनकी वफादारी सत्यापित करना भी जरूरी है।
उन्होंने कहा, “ग्रामीण क्षेत्रों में जानवरों की खरीद के समय वे (खरीदार) कई बार सोचते हैं और उनके वजन, माप की जांच करते हैं। इसी तरह, दूसरेे दलों के नेताओं को कांग्रेस में लाते समय भी सावधानी बरतनी चाहिए। उनके चरित्र का पता लगाना महत्वपूर्ण है।”
खड़गे ने कहा कांग्रेस पार्टी विचारधारा और सिद्धांतों के स्तंभों पर खड़ी है। पार्टी के कई नेताओं ने देश की एकता के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया है। दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पंजाब को उग्रवादियों के चंगुल से आजाद कराने के बदले 32 गोलियां खाई थीं और देश की एकता के लिए अपनी जान दे दी। दिवंगत पीएम राजीव गांधी ने प्रतिज्ञा ली थी कि भले ही उनका शरीर टुकड़ों में बंट जाए, लेकिन वह देश की एकता और अखंडता को कायम रखेंगे। वह झुके नहीं, उन्होंने जान देकर अपनी प्रतिज्ञा पूरी की।
खड़गे ने कहा, इसके पीछे तत्कालीन पीएम पंडित जवाहरलाल नेहरू और डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर थे।
उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी गरीबों, मजदूरों, छात्रों, महिलाओं, एससी और एसटी समुदायों के बारे में चिंतित है। कई देशों में विशेष रूप से विकसित देशों में हाल के दो से तीन दशकों तक महिलाओं को मतदान का कोई अधिकार नहीं दिया गया था। लेकिन, इस देश में दुनिया में पहली बार संविधान लागू होने पर महिलाओं को मतदान का अधिकार दिया गया।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि संविधान ने सभी को समान अधिकार दिए हैं और इन मूल्यों की रक्षा की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, कांग्रेस ने उन्हें सुरक्षित किया है।
खड़गे ने कहा, “बहुत से लोग इतिहास नहीं जानते। युवा नहीं जानते कि स्वतंत्रता संग्राम किसने किया और देश को आजादी किसने दिलाई। प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री संविधान को अपनी कठपुतली बनाने की कोशिश कर रहे हैं। यदि स्वतंत्रता और संविधान संरक्षित है, तो भावी पीढ़ी को अवसर मिलेंगे।
खड़गे ने कहा, “अंबेडकर ने कहा था कि संविधान को लागू करने वाले लोग सही लोग होने चाहिए, तभी इसका प्रभाव अच्छा होगा अन्यथा परिणाम अच्छे नहीं होंगे। 1949 में अंबेडकर का कहा हुआ कथन आज सच हो रहा है। जैसा कि लोग इसे लागू कर रहे हैं, संविधान में अच्छे इरादे नहीं हैं, देश कई संकट स्थितियों का सामना कर रहा है।”