नई दिल्ली। भारत ने 74वें गणतंत्र दिवस के मौके पर कर्तव्य पथ पर एक भव्य समारोह का आयोजन किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया। 21 तोपों की सलामी के बाद गणतंत्र दिवस परेड का शुभारंभ हुआ। इस साल के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो थे, जो इस ऐतिहासिक समारोह में विशेष रूप से शामिल हुए।
पारंपरिक बग्गी से पुनर्जीवित हुई परंपरा
भारत और इंडोनेशिया के राष्ट्रपतियों को भारतीय सेना की सबसे वरिष्ठ रेजिमेंट ‘राष्ट्रपति के अंगरक्षक’ द्वारा कर्तव्य पथ तक ले जाया गया। 40 वर्षों से बंद पड़ी परंपरा को पुनर्जीवित करते हुए, दोनों राष्ट्रपतियों ने पारंपरिक बग्गी में सवार होकर कार्यक्रम स्थल तक यात्रा की।
प्रधानमंत्री मोदी ने किया स्वागत
समारोह स्थल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति मुर्मू और मुख्य अतिथि प्रबोवो सुबियांतो का गर्मजोशी से स्वागत किया। साथ ही उन्होंने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और उनकी पत्नी सुदेश धनखड़ का भी अभिवादन किया।
स्वदेशी तोपों से दी गई 21 तोपों की सलामी
राष्ट्रगान के बीच तिरंगा फहराने के बाद स्वदेशी 105-एमएम लाइट फील्ड गन का उपयोग करते हुए 21 तोपों की सलामी दी गई। यह पहल देश की आत्मनिर्भरता और स्वदेशी सैन्य तकनीक के महत्व को रेखांकित करती है।
समारोह का मुख्य आकर्षण
इस वर्ष के गणतंत्र दिवस समारोह में भारतीय संविधान के लागू होने के 75 वर्ष पूरे होने पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया। “जन भागीदारी” की थीम के तहत इस आयोजन में भारत की सांस्कृतिक विविधता, सैन्य शक्ति, विकास, समानता और एकता का भव्य प्रदर्शन किया गया।
सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन
सांस्कृतिक मंत्रालय के 300 से अधिक कलाकारों ने शहनाई, नादस्वरम, मशक बीन, बांसुरी, शंख और ढोल जैसे पारंपरिक वाद्ययंत्रों के माध्यम से “सारे जहां से अच्छा” की धुन बजाई। यह प्रदर्शन भारतीय संगीत और कला की समृद्ध विरासत का प्रतीक था।
इंडोनेशियाई बलों की भागीदारी
समारोह में एक वैश्विक पहल के रूप में, इंडोनेशियाई राष्ट्रीय सशस्त्र बलों की 152 सदस्यीय मार्चिंग टुकड़ी और 190 सदस्यों वाले सैन्य बैंड ने भी हिस्सा लिया। उनके प्रदर्शन ने भारत और इंडोनेशिया के बीच ऐतिहासिक मित्रता और साझेदारी को प्रदर्शित किया।
विशेष झांकियां और परेड
गणतंत्र दिवस परेड में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियां दिखाई गईं, जिनमें भारत की सांस्कृतिक धरोहर और आधुनिक प्रगति का प्रदर्शन किया गया। परेड में भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना की टुकड़ियों ने अनुशासन और देशभक्ति का प्रदर्शन किया।
संविधान के 75 वर्ष का उत्सव
समारोह में संविधान की स्थापना के 75 वर्षों को चिह्नित करते हुए “अमृत काल” की भावना का प्रचार किया गया। इस अवसर ने भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं, नागरिक अधिकारों और समृद्ध विरासत को श्रद्धांजलि अर्पित की।
उत्सव का समापन
गणतंत्र दिवस का यह कार्यक्रम भारतीय संस्कृति, सैन्य शक्ति और विकास की यात्रा का उत्सव था। राष्ट्रपति मुर्मू, प्रधानमंत्री मोदी और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में यह आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।