महंगाई नियंत्रण के नाम पर किसानों को उनकी फसलों के वाजिब दामों से वंचित नहीं किया जा सकता:प्रमोद कुमार

मुजफ्फरनगर। बुढ़ाना तहसील के गांव करौदा महाजन में चौ० धर्मवीर सिंह मलिक के आवास पर आंदोलन जन कल्याण की एक बैठक संपन्न हुई। किसानों को संबोधित करते हुए संयोजक प्रमोद कुमार ने कहा कि महंगाई नियंत्रण के नाम पर गन्ने के दाम न बढ़ने देना किसानों के साथ अन्याय है और प्रदेश सरकार, हरियाणा में 386 रुपए तथा पंजाब में 391 रुपए प्रति कुंतल गन्ने के दामों पर भी ध्यान दे। उन्होंने आगे कहा कि एक कुंतल गन्ने से कम से कम 10 लीटर एथेनॉल बनता है और गन्ने के जूस से बनने वाले एथेनॉल की कीमत र 65.60 रुपए है, जिसको चीनी उद्योग के दबाव में 2023-24 के लिए और बढ़ाने की तैयारी थी, लेकिन केंद्रीय, खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्रालय ने 7 दिसंबर से गन्ने के रस से बनने वाले एथेनॉल उत्पादन पर ही रोक लगा दी है, ताकि चीनी के दाम न बढ़ सके।

उन्होंने कहा कि इस सीजन चीनी मिल मालिकों ने जितने चीनी के दाम बढ़ा दिए हैं, सरकार कम से कम उसी अनुपात में गन्ने के दाम बढ़ा दे। उन्होंने सरकार को चेताते हुए कहा कि अधिकारियों की सलाह और पूंजीपतियों के दबाव में किसानों के साथ नाइंसाफी पर वह चुप नहीं बैठेंगे। मौजूद किसानों ने एक सुर में 450 रुपए कुंतल गन्ना मूल्य की मांग की। एनसीआर के भट्टा मालिकों को तत्काल मार्च से जून कोयला अनुमति देने की अपनी मांग को भी दोहराया। बैठक की अध्यक्षता महिपाल प्रधान जी ने की तथा संचालन ऋषि पाल ने किया। बैठक में करणवीर प्रधान, उदयवीर प्रधान, योगिंद्र, कृष्णपाल कुरावा, राधेश्याम खरड़, चौ० संसार सिंह, सत्येंद्र प्रधान, उमेश मलिक लांक, लाला कालूराम, देशपाल सिंह, राजकुमार,मेंगीद्र सिंह,जगत सिंह ठेकेदार,अशोक कुमार,श्याम सिंह, विश्वास राणा, प्रशांत राठी आदि मौजूद रहे।

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