सक्रिय टीबी रोगी खोज अभियान में मिले 239 टी बी के नए रोगी

23 नम्बर से पांच दिम्बसर तक चलाया गया जनपद में अभियान

मेरठ। 2025 देश का टीबी मुक्त भारत के करने के उददेश्य से जनपद में गत 23 नवम्बर से 5 दिसम्बर तक चलाए गये सक्रिय टीबी रोगी खोजी अभियान में विभाग को 239 नये टीबी मरीज मिले है। जिनका विभाग की ओर से उपचार आरंभ करा दिया गया है। इस दौरान 266 टीमों ने 160979 घरों का सर्वे किया।

जिला क्षय रोग अधिकारी डा गुलशन राय ने बताया कि अभियान के तहत इस दौरान 871709 व्यक्तियों की टी बी की बीमारी के लिए स्क्रीनिंग की गई। 5787 संदिग्ध रोगियों की टी बी की बीमारी की जांच की गई ।जिसमें 239 रोगियों में टी बी की पुष्टि हुई उन्हें उचित इलाज पर लाया जा रहा है अभियान के दौरान टी बी की बीमारी के प्रति जनता को जागरूक किया गया ।उन्हें टी बी के लक्षण जांच उपचार एवं बचाव के तरीकों के बारे में जानकारी दी गई। टी बी एक संक्रामक बीमारी है जो फेफड़ों की टी बी से ग्रसित रोगी द्वारा खांसी करने से या नजदीक से बात करने से दूसरे व्यक्तियों को फैलती है दो हफ्ते से बुखार खांसी बलगम बलगम में खून आना भूख न लगना वजन कम होना छाती में दर्द होना रात को पसीने आना आदि की शिकायत हो तो उसे तुरंत टी बी की जांच करवानी चाहिए ।टी बी की जांच सभी सरकारी अस्पतालों में निशुल्क की जाती है। टी बी की बीमारी का इलाज हमेशा पूरा लेना चाहिए ।कभी भी इलाज बीच में अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए ।अधूरे इलाज से ड्रग रेजिस्टेंस टी बी होने का खतरा बढ़ जाता है। जिसे ठीक होने में ज्यादा देर लगती है और दवाइयां भी अधिक खानी पड़ती हैं ।हाई प्रोटीन युक्त उत्तम पोषाहार लेने से शरीर में बीमारी से लड़ने की शक्ति बढ़ती है और बीमारियों से बचा जा सकता है। एचआईवी और डायबिटीज की बीमारी से ग्रसित रोगियों में बीमारी से लड़ने की क्षमता कम होती है और उनमें टी बी की बीमारी होने का खतरा स्वस्थ व्यक्तियों की तुलना में अधिक होता है । जनता को सरकार की तरफ से दी जाने वाली निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत इलाज की अवधि के दौरान ₹500 प्रति माह की आर्थिक सहायता के बारे में जानकारी दी गई । हम सब मिलकर 2025 तक जनपद मेरठ को टी बी मुक्त करने का लक्ष्य हासिल करने में सहयोग दें।

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