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बच्चों व महिलाओं का संरक्षण और पुनर्वास मंडल की सर्वोच्च प्राथमिकता  -मडंलायुक्त 

– यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में मंडल स्तरीय कार्यशाला का हुआ आयोजन

– मुख्य विकास अधिकारी, मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति योजनाओं में आवश्यक कन्वर्जेन्स् सुनिश्चित करायेंगे

– मंडल स्तरीय विस्तृत कार्ययोजना का हुआ निर्माण, मंडलायुक्त करेंगी समीक्षा

– बच्चों तथा महिलाओं के विकास और सुरक्षा संबंधी मंडल के आंॅकड़े सुधरने चाहिये-  डीएमदीपक मीना

 मेरठ।  आयुक्त सभागार, मेरठः भारत सरकार द्वारा बच्चों और महिलाओं को संरक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से संचालित की जा रही 2 प्रमुख योजनायें मिशन वात्सल्य एवं मिशन शक्ति को प्रदेश के जनपदों में धरातल पर उतारने और प्रदेश के अंतिम छोर पर जीवनयापन करने वाले परिवारों की महिलाओं और बच्चों को इन योजनाओं से लाभान्वित करने के उद्देश्य से बुधवार को मंडलायुक्त सभागार में आयुक्त मेरठ सेल्वा कुमारी जे0 के मार्गदर्शन और जिलाधिकारी मेरठ, की अध्यक्षता में मंडल स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों को मिशन वात्सल्य के अंतर्गत संस्थागत देखरेख, गैर संस्थागत देखरेख व कन्वर्जेंस आवश्यकताओं और धटकों तथा मिशन शक्ति योजना के अंतर्गत उपयोजनाओं संबल और सामर्थ्य के मुख्य घटकों और के बारे में संवेदित किया गया। साथ ही मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति से संबंधित मंडल स्तरीय कार्ययोजना का निर्माण किया गया।भारत सरकार द्वारा महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित अपने सभी प्रमुख कार्यक्रम को दो प्रमुख अम्ब्रेला योजनाओं-मिशन शक्ति एवं मिशन वात्सल्य-के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है। दोनों योजनाओं का मुख्य लक्ष्य महिलाओ, तथा बच्चों के सर्वांगीण विकास व उनके संरक्षण एवं सशक्तिकरण को सुनिश्चित किया जाना है। मिशन वात्सल्य का लक्ष्य है जोखिमपूर्ण एवं कठिन परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों को आवश्यक सहायता उपलब्ध कराना। योजना के अंतर्गत नवाचार और को बढ़ावा देने पर बल दिया गया है। साथ ही महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा, संरक्षण और सशक्तिकरण के उद्देश्य से मिशन शक्ति योजना शुरू की गई है। जिसके अर्न्तगत विभिन्न विभागों के कर्न्वेजन्स के माध्यम से मिशन के लक्ष्योें की प्राप्त किये जाने को महत्वता दी गई है। प्रदेश में महिला एवं बाल विकास विभाग और यूनिसेफ द्वारा संयुक्त तत्वावधान में प्रत्येक मंडल में इन योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु ऐसी कार्यशालायें आयोजित की जा रही हैं।इन कार्यशालाओं को मुख्य उददेश्य मंडल एवं जनपद स्तर पर कार्यरत् विभिन्न विभागों के अधिकारियों व कार्मिकों के मध्य मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति योजनाओं के क्रियान्वयन पर समझ विकसित करना तथा विभागों के मध्य कन्वर्जेंस् को बढ़ावा देना है।

जिलाधिकारी दीपक मीना द्वारा कार्यशाला के दौरान कहा गया कि विभिन्न जनपदों में महिलाओं तथा बच्चों के संरक्षण और विकास से  संबंधित संकेतकों में सुधार हमारी प्राथमिकता है। उन्होनें सभी मुख्य विकास अधिकारियों को संकेतकों में सुधार के लिये कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जोखिमपूर्ण परिस्थितियों वाली महिलाओं को मुख्यधारा में लाने के प्रयास करेंगें तो बच्चों की सुरक्षा, संरक्षण और पुर्नवास स्वतः ही संरक्षित हो जायेगा। मंडल के जनपदों में बच्चों तथा महिलाओं के विकास और कल्याण से संबंधित संकेतक सुधरने चाहिये, प्रदेश और राष्ट्रीय आंकड़ो से पीछे होना चिंताजनक है। उन्होंनें कहा कि आगामी माह से प्रत्येक माह महिला एवं बाल विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं की भी समीक्षा की जायेगी।

महिला एवं बाल विकास विभाग के राज्य सलाहकार नीरज मिश्र ने कहा कि मिशन वात्सल्य योजना को लागू करने में जिलाधिकारी की भूमिका काफी अहम है। जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति के अध्यक्ष के तौर पर इस योजना के क्रियान्वयन और पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी जिलाधिकारी की ही है। उन्हें बाल कल्याण, बाल अधिकार और बाल संरक्षण के लिए कानूनों और प्रावधानों का क्रियान्वयन का जनपद स्तर पर सुगम बनाना है। विभिन्न विभाग आपसी समन्वय स्थापित कर कार्य करेंगे तो मिशन वात्सल्य का उद्देश्य साकार हो जाएगा।  

महिला एवं बाल विकास विभाग के राज्य सलाहकार प्रीतेश तिवारी ने कहा विभिन्न योजनाओं का लाभ महिलाओं व बालिकाओं और उनके परिवारों तक पहुंचे इसके लिए विशेष कार्यक्रमों को तैयार करना भी महत्वपूर्ण हैं।कार्यक्रम का उद्घाटन आयुक्त मेरठ सेल्वा कुमारी जे0 द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यशाला के दौरान विभिन्न विभागों के मध्य निम्न बिंदुओं पर कन्वर्जेंस पर जोर डाला गया:

– उ0प्र0 कौशल विकास मिशनः 

 गृहों और गैर-संस्थागत देखभाल में स्थापित बच्चों का अभिमुखिकरण व कौशल विकास पाठ्यक्रमों में पंजीकरण।

– उच्च/माध्यमिक/ बेसिक शिक्षाः 

 गृहों में आवासित बच्चों का विद्यालयों में नामांकन तथा शिक्षकों की गृहों में नियुक्ति।

– गृह/पुलिसः

 प्रशिक्षण कैलेंडर विकसित करते हुये निपसिड के सहयोग से मिशन वात्सल्य के पदाधिकारियों को प्रशिक्षण।

 विशेष किशोर पुलिस इकाइयों का प्रशिक्षण व क्षमतावद्धन।

 गह मंत्रालय की 112 पुलिय हेल्पलाइन के साथ चाइल्डलाइन सेवाओं का एकीकरण।

 गुमशुदा बच्चों को खोजने हेतु बेहतर अभिसरण व समन्वय।

 बच्चों के प्रकरणों में बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों को जॉच अधिकारी बनाये जाने हेतु सुसंगत योजना निर्माण व अवाश्यक दिशा-निर्देश।

 छोटे-अपराधों जिनमें अपराध की सजा 3 वर्ष से कम है, में बच्चों पर प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफ0आई0आर0) न लिखने और बच्चों को थाने से कानूनी प्रवधानों के अंतर्गत छोड़े जाने हेतु कार्मिकों का प्रशिक्षण और सुसंगत दिशा-निर्देश।

 राज्य/जिला विधिक सेवा प्राधिकरणः प्रशिक्षण कैलेंडर विकसित करते हुये मिशन वात्सल्य के पदाधिकारियों को प्रशिक्षण।

 महिलाओं तथा बच्चों को निशुल्क कानूनी सहयता।

– स्वास्थ्य, चिकित्सा एवं परिवार कल्याणः

 प्रत्येक बच्चे को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना  (पी0एम0-जे0ए0वाई0) कार्ड प्रदान करते हुये 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवरेज।

 व्यक्तिगत देखरेख योजना और बाल चिकित्सा सेवाओं सहित किशोर न्याय नियमों के अनुसार गृहों में चिकित्साधिकारी (चिकित्सक) की सेवाओं की उपलब्धता।

 गृहों के सभी बच्चों के टीकाकरण का प्रबंध।

 विघि से संघर्षरत् बच्चों के प्रारंभिक मूल्यांकन हेतु क्लीनीकल मनोवैज्ञानिक/ मनोचिकित्सक/ सोशलवर्कर मनोवैज्ञानिक/परामर्शदाता की नियुक्ति।

 गृहों में बच्चों के लिए नियमित राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आर0के0एस0के0) के अंतर्गत स्वास्थ्य जांच और मानसिक स्वास्थ्य परामर्श का आयोजन।

 गर्भावस्था का चिकित्सीय समापन संशोधित अधिनियम 2021 के प्रावधानों के अंतर्गत नाबालिक गर्भवती बालिकाओं को सुरक्षित गर्भापात की सुविधा।

 पॉक्सो प्रकरणों में पीडित बालिकाओं के गर्भापात की स्थिति में स्थानीय पुलिस से उनके भू्र्ण को सुरक्षित रखने हेतुु संबंधित अधिकारियों का प्रशिक्षण व आवश्यक दिशा-निर्देश।

 पॉक्सो पीडितों सहित बाल कल्याण समितियों/किशोर न्याय बोर्ड से संदर्भित बच्चों को प्राथमिकता पर जनरल स्वास्थ्य जांच, विशेष चिकित्सीय तथा आयु परीक्षण की सुविधा।

 गृहों में निवासरत् महिलाओं/ गर्भवती/ धात्री / बालिकाओं/ महिलाओं को जननी सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस, किशोरी स्वास्थ्य दिवस, किशोर स्वास्थ्य केंद्र अर्श क्लीनिक/साथिया केंद्र, साप्ताहिक आयरन फोलिक वितरण, निःशुल्क सेनेटरी नेपकिन की व्यवस्था।

– पंचायती राजः

 बाल पंचायत का आयोजन।

 ब्लॉक और ग्राम स्तरीय बाल कल्याण व संरक्षण समितियों की सुविधा हेतु मानकनुसार 5 प्रतिशत बजट आवंटन।

 विभिन्न स्तरों पर गठित बाल कल्याण तथा संरक्षण समितियों को सशक्त करने हेतु विभाग के अंतर्गत कार्यरत् कार्मिकों का प्रशिक्षण व सुसंगत दिशा-निर्देश।

– श्रमः

 शिक्षा मंत्रालय के समग्र शिक्षा अभियान के साथ विलय की जाने वाली राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना योजना के अनुसार बाल श्रम की घटनाओं को कम करने और बाल श्रमिकों के पुनर्वास हेतु मानक संचालन प्रक्रिया का निर्माण।  

 रेस्क्यू अभियानों का संचालन।

 रेस्क्यू किये गये बच्चों को अन्य विभागों की विभिन्न योजनाओं हेतु संदर्भित करना।

 बाल श्रम करा रहे न्योक्ताओं पर कानूनी कार्यवाही करते हुये महिला एवं बाल विकास विभाग को अवगत कराना।

 बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहारः बाल देखरेख संस्थाओं में आवासित छोटे बच्चों व किशोरी बालिकाओं/गर्भवती धात्रियों को आंगनवाड़ी केन्द्रों से जोड़ते हुये विभिन्न पोषण व स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रमों का लाभ।

 अनुभव के आधार पर समय-समय पर बच्चों के भोजन मेन्यू में गुणवत्ता पूर्ण पोषण को शामिल करने हेतु सुक्षाव।

 विभिन्न स्तरों पर गठित बाल कल्याण तथा संरक्षण समितियों को सशक्त करने हेतु विभाग के अंतर्गत कार्यरत् कार्मिकों का प्रशिक्षण व सुसंगत दिशा-निर्देश।

– खेलकूद विभागः

 संस्थाओं में निवासरत् बच्चों को विभाग की योजनाओं का लाभ देने हेतु आवश्यक योजना निर्माण व क्रियान्वयन।

 गृहों सहित अन्य बच्चों के समग्र विकास हेतु खेलकूद का मैदान प्रत्येक बच्चे की पहुंच में हो, इस हेतु महिला कल्याण, ग्रामीण व शहरी विकास व अन्य विभागों के साथ योजना निर्माण।

– समाज कल्याणः 

संबंधित गृहों में नशामुक्ति गतिविधियां।

– दिव्यांगजन कल्याणः 

गृहों में दीनदयाल दिव्यांग पुनर्वास योजना का लाभ

कार्यशाला में सभी जनपदों के मुख्य विकास अधिकारी, मुख्यालय महिला एवं बाल विकास विभाग से राज्य सलाहकार नीरज मिश्र व प्रीतेश तिवारी सहित जनपद जनपद मेरठ, बुलन्दशहर, बागपत, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद तथा हापुड़ से जिला प्रोबेशन अधिकारी सहित विभिन्न विभागों यथा पुलिस, स्वास्थ्य, बाल विकास सेवा एंव पुष्टाहार, दिव्यांगजन, श्रम, शिक्षा, कौशल विकास मिशन आदि के जनपद स्तरीय अधिकारी तथा बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड, जिला बाल संरक्षण इकाई, वन स्टॉप सेन्टर, हब फॉर वूमेन इम्पॉवरमेन्ट, आदि के सदस्य मौजूद रहें।

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