भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव नतीजों में भाजपा ने प्रचंड बहुमत हासिल कर सत्ता में वापसी की है। इसके बाद पार्टी में प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री पर मंथन का दौर चल रहा है। भाजपा के सभी केंद्रीय पदाधिकारी और मंत्री दिल्ली में हैं। मध्य प्रदेश में अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसको लेकर मीडिया में अटकलों का दौर चल रहा है। इसी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने एक बार फिर भाजपा की जीत पर प्रदेश की जनता का आभार जताया है, साथ ही कहा है कि मैं मुख्यमंत्री पद का दावेदार न तो पहले कभी रहा और न आज हूं।
मुख्यमंत्री चौहान ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि “मैं मुख्यमंत्री का दावेदार न तो पहले कभी रहा और न आज हूं। मैं एक कार्यकर्ता हूं और इस नाते भाजपा मुझे जो भी काम देगी, उस काम को समर्पित भाव से अपनी क्षमता के अनुसार करता रहूंगा। प्रदेश की जनता का एक बार फिर से आभार।”
इससे पहले सोमवार देर रात उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा था कि सफलता के पीछे बहुत सारी चीजें होती हैं, बहुत सारे लोग एक लक्ष्य के लिए काम करते हैं। कुछ पर्दे के आगे नजर आते हैं, तो कुछ पर्दे के पीछे अपनी भूमिका निभाते हैं। जीत की पटकथा लिखने में कई हाथों का योगदान होता है, इस विजय यात्रा के सभी ध्येयशील सहयोगियों को हृदय से धन्यवाद।
वीडी शर्मा ने दिल्ली में की जेपी नड्डा से मुलाकात
इधर, प्रदेश में नई सरकार के गठन को लेकर चल रही कवायद के बीच भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने मंगलवार को दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। उन्होंने भाजपा अध्यक्ष नड्डा से भेंट कर विधानसभा चुनाव में 48.55 प्रतिशत वोट शेयर के साथ भाजपा की प्रचंड विजय पर उनका अभिनंदन किया।
बधाई पोस्टर में विजयवर्गीय बड़ा चेहरा, शिवराज गायब
वहीं, भोपाल में मंगलवार को हुजूर विधानसभा में भाजपा उम्मीदवार रामेश्वर शर्मा की जीत के बाद बधाई के पोस्टर्स लगे हैं, जिनमें कैलाश विजयवर्गीय का बड़ा चेहरा दिखाया गया है, जबकि उसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तस्वीर नहीं है।
वहीं, इंदौर-दो विधानसभा से मप्र में सबसे बड़ी जीत दर्ज करने वाले पार्टी विधायक रमेश मेंदोला ने कैलाश विजयवर्गीय को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की है। उन्होंने मंगलवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि यह प्रदेश की जनता की मांग है और केंद्र सरकार को जन भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।