जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में कलेक्ट्रेट परिसर में आयोजित कार्यक्रम में 11 बच्चों का हुआ अन्नप्राशन
सभी ने ली पोषण शपथ, कहा- पोषण अभियान को देशव्यापी जन आंदोलन बनाएंगे
नोएडा, 26 सितम्बर 2023। राष्ट्रीय पोषण अभियान के अंतर्गत सामुदायिक आधारित गतिविधियों के तहत जनपद में मंगलवार को विभिन्न आंगनबाड़ी केन्द्रों पर करीब 1100 बच्चों का अन्नप्राशन किया गया। जनपद स्तर पर आयोजित कार्यक्रम में कलेक्ट्रेट परिसर में सांसद डॉ महेश शर्मा, जेवर के विधायक धीरेन्द्र सिंह, दादरी विधायक तेजपाल नागर, जिला पंचायत अध्यक्ष अमित चौधरी, जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा, मुख्य विकास अधिकारी जनार्दन सिंह ने संयुक्त रूप से आंगनबाड़ी केंद्र सूरजपुर, मलकपुर के 11 बच्चों का अन्नप्राशन किया। इस अवसर पर दैनिक जीवन में श्री अन्न का उपयोग बढ़ाने के लिए श्री अन्न से बने व्यंजनों की प्रदर्शनी भी लगाई गई।
पोषण शपथ पर किये हस्ताक्षर
कलेक्ट्रेट परिसर में आयोजित कार्यक्रम में जन प्रतिनिधियों ने पोषण शपथ पर हस्ताक्षर किये। शपथ में लिखा गया है कि- आज में भारत के बच्चों, किशोरों-किशोरियों और महिलाओं को कुपोषण मुक्त स्वस्थ और मजबूत करने का वचन देता/ देती हूँ। राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान में हर घर तक सही पोषण का संदेश पहुंचाउंगा/पहुंचाऊंगी। सही पोषण का अर्थ, पौष्टिक आहार, साफ पानी और सही प्रथाएं है। पोषण अभियान को एक देशव्यापी जन आंदोलन बनाऊंगा/ बनाउंगी। हर घर, हर विद्यालय, हर गांव, हर शहर में सही पोषण ही गूँज उठेगी। इस जन आंदोलन से मेरे भारतीय भाई और सब बच्चे स्वस्थ होंगे और पूरी क्षमता प्राप्त करेंगे, यह मेरी प्रतिज्ञा है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी पूनम तिवारी ने बताया- जनपद के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर मंगलवार को बच्चों का अन्नप्रशासन किया गया। इस तरह करीब 1100 बच्चों का अन्न प्रशासन हुआ। सभी केन्द्रों पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने यह रस्म अदा की। उन्होंने बताया बच्चों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए पोषण पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं की जानी चाहिए। मां-बाप की लापरवाही का असर बच्चे के सीधे स्वास्थ्य पर पड़ता है। उचित पोषण न मिलने की स्थिति में बच्चा कुपोषण का शिकार हो जाता है। उन्होंने बताया हर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गर्भवती और धात्री माताओं को पोषण का महत्व समझाती है।
पूनम तिवारी ने बताया- जन्म के तुरंत बाद एक घंटे के भीतर नवजात को मां का दूध जरूर पिलाना चाहिए। यह दूध बच्चे का पहले टीके के समान होता है। यह रोगप्रतिरोधक क्षमता विकसित कर बच्चों को विभिन्न संक्रमणों से बचाता है। उन्होंने बताया छह माह तक के बच्चे को केवल स्तनपान ही करना चाहिए, इसके अलावा ऊपरी कुछ नहीं देना चाहिए, यहां तक कि पानी भी नहीं। मां के दूध में प्रचुर मात्रा में पानी होता है। उन्होंने बताया- छह माह पूरे होने पर बच्चों को अर्द्ध ठोस पदार्थ जैसे मसला हुए फल- सब्जी, सूप, दाल का पानी आदि शुरू किया जाता है। इसी व्यवहार को बढ़ावा देने और माताओं व परिवार के सदस्यों के व्यवहार परिवर्तन के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों पर अन्नप्राशन रस्म अदा की जाती है। उन्होंने बताया अन्नप्राशन कार्यक्रम के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता माताओं को यह जानकारी देती हैं कि अब बच्चे को क्या-क्या, कब और कितनी मात्रा में खिलाना है।