जाटों को आरक्षण मिलना चाहिए।इसका हर क्षेत्र में सर्वाधिक योगदान रहा – नरेश टिकैत
हिंदू साबित करने के लिए एक पार्टी का सर्टिफिकेट चाहिए
जाट प्रांतीय महासम्मेल में वेस्ट यूपी के जाट समुदाय के लोग
मेरठ। रविवार को अखिल भारतीय जाट महासभा की ओर से केन्द्र में आरक्षण की मांग को लेकर कंकरखेड़ा के शगुन फार्म हाउस में प्रांतीय समनेल का आयोजन किया गया। सम्मेलन में जाटों ने आरक्षण के लिए हुंकार भरी जाट प्रांतीय महासम्मेलन में अखिल भारतीय जाट महासभा के महासचिव युद्धवीर सिंह ने कहा- जय श्री राम से अपनी पीढ़ी को बचा लो। आज सबसे बड़ा खतरा दो तरह के समाज से है। एक हमारा राम राम भाई का समाज है। दूसरा समाज जय श्री राम का हो गया। इन जय श्री राम वालों से बचो। नहीं तो नष्ट हो जाआगें ।
महासम्मेलन में जाट समुदाय को सम्बोधित करते हुए युद्धवीर सिंह ने कहा हमने शुरू से राम, राम कहा। हमसे बड़ा कोई रामभक्त है जो ये हमसे आज हिंदू होने का सर्टिफिकेट मांग रहे हैं। खुद को हिंदू या रामभक्त बताने के लिए हमें एक पार्टी के दफ्तर से प्रमापण पत्र लेने की जरूरत पड़ गई है। हम तो थे ही रामभक्त। हमारे राम तो कण कण में हैं। लेकिन, अब ये जयश्री राम का कल्चर आ गया है। जय श्री राम और राम राम में अंतर है। अपनी पीढ़ी को जय श्री राम से नहीं बचाया तो नष्ट हो जाओगे।जाट समाज ने केंद्रीय सेवाओं में जाटों के आरक्षण की मांग के लिए यह सम्मेलन रखा था। सम्मेलन में जाट नेताओं ने इशारों में आरएसएस और भाजपा पर जमकर निशाना साधा ।युद्धवीर सिंह ने आगे कहा कि आज भिखमंगों और व्यापारियों के हाथ में देश है। इन्हें कभी देश से प्यार नहीं होता। कहते हैं 1857 में मेरठ से क्रांति की शुरुआत हुई, ये गलत है। 1193 में भाचू, बलेड़ा से पहला स्वतंत्रता संग्राम हमारी खाप पंचायत ने लड़ा था। जब फिरंगियों को मारकर भगाया।लेकिन, लिखने वालों ने उन्होंने नहीं लिखा। उन्हें हमसे एलर्जी थी, क्योंकि हम उनकी दुकान पर नहीं जाते थे। 1857 की लड़ाई मंगल पांडे ने शुरू की। उसने कारतूस के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। देश के खिलाफ मंगल पांडे की लड़ाई नहीं थी, लेकिन इतिहास में उन्हें आजादी की लड़ाई का आगाजकर्ता लिखा गया। जबकि खापों के 8 हजार मल्ल दिल्ली में देश की सुरक्षा में बलिदान हुए उनका कहीं जिक्र नहीं। इतिहास झूठ का पुलिंदा है।
मुख्य वक्ता चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि जाटों को आरक्षण मिलना चाहिए।इसका हर क्षेत्र में सर्वाधिक योगदान रहा है। आरक्षण समाज का हक है। आज इसी के लिए उत्तर प्रदेश के अन्य राज्यों से भी जाट समाज के लोग आज जुड़े हैं।उन्होंने कहा कि हमारा चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है बल्कि जाट अपना अस्तित्व बचाने के लिए एकजुट हुए हैं। जाटों का इतिहास दबाया जा रहा है, इतिहास में हमारा योगदान है और जाट इसके हकदार है। सम्मेलन को अखिल भारतीय जाट महासभा के राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह, प्रदेश अध्यक्ष प्रताप चौधरी ने कहा कि हर हाल में हम आरक्षण लेकर रहेंगे, इसके लिए चाहे हमे आंदोलन ही क्यों न करना पड़े। उन्होंने कहा कि इतिहास में जाट समाज का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, समाज सुधार के कार्यों में भी जाटों का योगदान रहा है। कहा कि देश के प्रधानमंत्री का कोई विरोध नहीं है।
जाट महासभा में चौधरी प्रदुम्न सिंह, राजस्थान से आये राजा राम मील, राजेन्द्र सिंह सिरोही ने भी संबोधित किया। इस मौके पर अखिल भारतीय राष्ट्रीय जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष प्रताप चौधरी, सुधीर चौधरी व पंजाब, दिल्ली और हरियाणा समेत कई राज्य से आये जाट समाज के लोग शामिल रहे। प्रांतीय सम्मेलन में राष्ट्रीय लोकदल के भी कई बड़े नेता कार्यक्रम में रहे। रालोद के रास्ट्रीय सचिव डॉ. राजकुमार, सांगवान, सुनील रोहटा, अशोक, गौरव काफी संख्या में बड़े रालोद नेता जाट समाज को केंद्र में आरक्षण दिलाने के लिए आगे आए।
पश्चिमी यूपी की राजनीति की दिशा तय करेगा जाट समुदाय
पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति का प्रमुख आधार माना जाने वाला जाट समुदाय मेरठ की क्रांति भूमि से राजनीति की दशा और दिशा तय करने जा रहा है। एक अक्तूबर को अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद में राजनीति, कला, शिक्षा, साहित्य, संस्कृति, रोजगार, सृजन व गौरवशाली जाट इतिहास को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य को लेकर चर्चा होगी।इसमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड सहित गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, मध्यप्रदेश व पश्चिम बंगाल आदि सभी राज्यों में निवास कर रहे जाट समाज के प्रतिनिधियों के साथ देश व दुनिया भर से जाट समाज के लोग इस अधिवेशन का हिस्सा बनेंगे। इससे पहले आज हुए जाट महासभा के इस आयोजन ने जाट आरक्षण को लेकर सियासी सरगरमियां तेज कर दी हैं।