पहासू (बुलंदशहर)। उत्तर प्रदेश सरकार एक तरफ बच्चो को शिक्षित करने के लिए करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा रही है। तथा बच्चियों की पढ़ाई पर भी विशेष फोकस किए हुए है। वही दूसरी तरफ क्षेत्र व नगर में फैले कुकरमुत्तो की तरहा इन स्कूलों ने प्रदेश सरकार के शिक्षा विभाग के सभी नियमों को ताक पर रखकर पढ़ाई के नाम पर बचारे भोले भाले अभिवाभको को दोनो हाथो से जमकर शोषण शोषण कर रहे है।
पहासू नगर क्षेत्र में घर की बिल्डिंग में चल रहे स्कूल में बिल्डिंग फीस के नाम पर एक नर्सरी क्लास की छात्रा के अभिवाभक से 1500 रूपये लिए तथा अपनी सेंटिंग की बुक सेलर की दुकान से बच्ची को नर्सरी क्लास का कोर्स खरीदने के लिए भेजा गया जो की प्राइवेट प्रकाशन का कोर्स 60% के कमीशन पर उस बच्ची को कोर्स दिया गया जबकि शासन के आदेशानुसार एनसीआरटी०की किताबे सभी मान्यता प्राप्त स्कूलों में पढ़ाने के आदेश जारी किए जा चुके है। उसके बावजूद शिक्षा अधिकारियों की मिली भगत से यह भोले भाले लोगो का जमकर शोषण कर सरकार के आदेशों को ठेंगा दिखा रहे है। वही घर में खुले स्कूल में ना ही कोई बच्चो के खेलने के लिए प्ले ग्राउंड है और ना ही हवादार व रोशनी युक्त कमरे है।
ऐसे में कैसे पड़ेगा पड़ेगा इंडिया आगे बड़ेगा इंडिया…! खूब पढ़ो आगे बढ़ो यह सोचने पर मजबूर कर देता है कि सरकार के आदेशों को शिक्षा के अधिकारी ही ठेंगा दिखा रहे है। तो सरकार का सपना कैसा साकार होगा।