जन्म पूर्व भ्रूण की लिंग जांच करना कानूनन अपराध-सीएमओ

बदायूँ । मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में आज पीसीपीएनडीटी की बैठक सीएमओ डॉ0 प्रदीप वार्ष्णेय की अध्यक्षता में संपन्न हुई। सीएमओ ने अल्ट्रासाउंड केंद्रों का निरीक्षण करने, मुखबिर योजना के अंतर्गत कार्य करने के लिए कहा। इस अवसर पर नए अल्ट्रासाउंड केंद्रों के 06 व नवीनीकरण के 03 प्रस्तावों पर चर्चा की गई।

गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम 1994 के अंतर्गत गठित जिला सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रदीप वार्ष्णेय ने कहा कि जन्म पूर्व लिंग का निर्धारण करना कानूनन अपराध है। अगर कोई अल्ट्रासाउंड केंद्र इस प्रकार के कृत्य में लिप्त पाया जाता है तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

डॉ0 कौशल गुप्ता ने बताया कि बैठक में छह नए अल्ट्रासाउंड केंद्रों के पंजीकरण व तीन अल्ट्रासाउंड केंद्रों के नवीनीकरण के प्रस्तावों पर चर्चा की गई। अगली बैठक 15 दिन बाद आयोजित की जाएगी जिसमें अल्ट्रासाउंड केंद्रों के पंजीकरण व नवीनीकरण पर निर्णय लिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि छह नए अल्ट्रासाउंड केंद्रों में गुप्ता मैटरनिटी एवं नर्सिंग होम आईवीएफ इन्द्रा चौक, शिखर नर्सिंग होम उझानी, शिवा अल्ट्रासाउंड सेन्टर नेकपुर, स्टार अल्ट्रासाउंड सेन्टर अलापुर, संजीवनी अल्ट्रासाउंड सेन्टर कादरचौक, चंदौसी अल्ट्रासाउंड सेन्टर मो0 कुम्हारान इस्लामनगर तथा तीन अल्ट्रासाउंड केंद्रों के नवीनीकरण के प्रस्तावों में सरन क्लीनिक, मगध मैटरनिटी एंड इनफर्टीलिटी सेंटर, आसिर कॉलोनी, सुधीर नर्सिंग होम कृष्णापुरी व डॉ0 राम निवास गुप्ता सहसवान शामिल हैं।

इस अवसर पर पीसीपीएनडीटी के नोडल अधिकारी डॉ0 अखिलेश सिंह, डॉ0 सीमा सरन, डॉ0 आदित्य गुप्ता, डॉ0 सुधीर सिंह व समिति के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।

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