बच्चेदानी की परेशानी को हल्के में न ले महिलाएं -डा प्रियंका गर्ग
पिछले 9 साल से दर्द से परेशान महिला की लेप्रोस्कोपिक सर्जरी कर महिला को दिया जीवनदान
मेरठ। जन्मजात विकारों के कारण बार-बार गर्भवती महिला का बच्चा गर्भपात हो जाता है या बच्चा समय से पहले पांच -छ महीने में ही पैदा हो जाता है । तो यह महिलाओं की यूट्रस की बीमारी का कारण हो सकता है। ऐसे में बीमारी से बचने व अपने को स्वस्थ रखने के लिए चिकित्सक का परामर्श आवश्यक ले ऐसी महिलाएं । आपकी जरा सी लापरवाही आप पर भारी पड़ सकती है। यह बातें गायनोलॉजी महिला चिकित्सक डा प्रियंका गर्ग ने कही।
न्यूटिमा हॉस्पिटल में ऐसे कई महिलाओं का थ्रीडी लेप्रोस्कोपिक सर्जरी कर उन्हें नया जीवन दान दिया है। मुजफ्फरनगर से आयी रश्मि पिछले नौ साल से बच्चेदानी के दर्द से परेशान थी। वहां पर उन्होंने कई चिकित्सकों को दिखाया लेकिन किसी ने कोई समस्या का समाधान नहीं बताया उन्होंने डा प्रियंका गर्ग से सम्पर्क किया। जिस पर उन्होंने लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की सलाह दी। रश्मि ने बताया उसे नया जीवनदान मिला है। मोदीपुरम निवासी सीमा भी इस बीमारी से पिछले छह साल से परेशान थी। उसने एम्स में चिकित्सकों को दिखाया लेकिन उसे कोई लाभ नहीं मिला। उसने भी डा प्रियंका गर्ग ने सर्जरी कर उसकी परेशानी को दूर किया। सीमा का कहना था बच्चेदानी में अगर लगातार दर्द को महिलाओं को लापरवाही नहीं करनी चाहिए। तत्काल चिकित्सकों को दिखाना चाहिए ।
डा प्रियंका गर्ग ने बताया कि इस प्रकार की परेशानी लड़कियों से लेकर वृद्ध महिला काे हो सकती है। उन्होंने बताया विकृत बच्चेदानी के मुंह बंद होने के कारण महीने का खून अंदर ही भरता रहता है। जो मवाद का रूप ले लेता है। ऐसे में लेप्रोस्कोपी सर्जरी के माध्यम से बच्चेदानी मुंह का पर्दा काटकर दर्द का निवारण किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि अभी तक वह इस प्रकार कर साठ सर्जरी कर चुकी है। इस मौके पर डा. संदीप गर्ग, डा प्रियांक गर्ग आदि मौजूद रहे