अधिक बचत, बेहतर कवरेज बजट 2025-26 आपके जेब में अधिक पैसा डालता है और सभी के लिए बीमा विस्तार करता है

अधिक बचत, बेहतर कवरेज बजट 2025-26 आपके जेब में अधिक पैसा डालता है और सभी के लिए बीमा विस्तार करता है

मेरठ। केंद्रीय बजट 2025-26 ने भारत के बीमा क्षेत्र और आयकर व्यवस्था को नया रूप देने के लिए साहसिक कदम उठाए हैं, जिससे व्यापक वित्तीय समावेशन, आर्थिक वृद्धि और व्यक्तियों व व्यवसायों को राहत सुनिश्चित होगी। ‘संजीव बजाज, संयुक्त अध्यक्ष एवं एमडी, बजाज कैपिटल लिमिटेड ने बताया की 2047 तक सभी के लिए बीमा’ के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ, सरकार न केवल नीतियों में बदलाव कर रही है, बल्कि एक मजबूत और लचीली वित्तीय व्यवस्था की नींव भी रख रही है।

आइए जानते हैं बजट की प्रमुख घोषणाएँ बीमा क्षेत्र में सुधार/ समावेशन की दिशा में एक बड़ा कदम है।

भारत में वर्षों से बीमा की पहुँच वैश्विक मानकों की तुलना में कम रही है। इस साल का बजट इसे बदलने के लिए क्रांतिकारी दृष्टिकोण अपनाता है, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों और सूक्ष्म बीमा बाजारों में।

बीमा में विदेशी निवेश की सीमा बढ़ीरू सरकार ने बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत कर दी है, जिससे अधिक पूंजी प्रवाह, नवाचार और प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य निर्धारण सुनिश्चित होगा। इससे अरबों रुपये का विदेशी निवेश आकर्षित होने की संभावना है, जिससे भारतीय बीमा बाजार को मजबूती मिलेगी।

सूक्ष्म और ग्रामीण बीमा पर कर लाभ बीमा को अधिक किफायती और सुलभ बनाने के लिए बजट में कर छूट और जीएसटी कटौती की घोषणा की गई है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में  2 लाख तक की बीमा पॉलिसी देने वाली कंपनियों को 100 प्रतिशत कर कटौती, छोटे जीवन, स्वास्थ्य और सामान्य बीमा पॉलिसियों पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 0 प्रतिशत, ग्रामीण पॉलिसीधारकों के लिए अधिक कर कटौती, धारा 80ब् के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के पॉलिसीधारकों के लिए अतिरिक्त ₹50,000 की कटौती, स्वास्थ्य बीमा पर धारा 80डी के तहत ₹25,000 की अतिरिक्त कटौती, सरकारी सब्सिडी से प्रीमियम में कटौती बड़ी राहत पहुंचाएगी।

इसके अलाव वायबिलिटी गैप फंडिंग में  सरकार जीवन, स्वास्थ्य और फसल बीमा प्रीमियम का 30-50 प्रतिशत वहन करेगी। ब्याज-मुक्त ऋण ग्रामीण भारत में बीमा विस्तार के लिए बीमा कंपनियों को 0 प्रतिशत ब्याज पर ऋण मिलेगा। नई पॉलिसीधारकों के लिए प्रीमियम सहायता पहली बार सूक्ष्म बीमा खरीदने वालों को प्रति पॉलिसी ₹1,500 की सरकारी सब्सिडी मिलेगी।

 प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना एवं प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में गरीबी रेखा से नीचे  परिवारों के लिए प्रीमियम में 20 प्रतिशत की कमी और कवरेज ₹2 लाख से बढ़ाकर ₹3 लाख कर दिया गया है।

किसानों के लिए जीवन एवं स्वास्थ्य बीमा पर सब्सिडी दिए जाने के साथ फसल बीमा में छोटे और सीमांत किसानों के लिए 60 प्रतिशत प्रीमियम सब्सिडी, अब जलवायु परिवर्तन से होने वाले नुकसान को भी कवर करेगी।

‘वन-स्टॉप डिजिटल बीमा प्लेटफॉर्म’ आसान पहुँच और दावों के शीघ्र निपटान के लिए कॉमन सर्विस सेंटर ग्रामीण बीमा नामांकन केंद्र के रूप में कार्य करेंगे। वहीं ग्रामीण बीमा एजेंटों के लिए 30 प्रतिशत अधिक कमीशन दिया जाएगा।

महात्मा गांधी महिला बीमा योजना, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए ₹5 लाख का जीवन और स्वास्थ्य बीमा, महिलाओं के लिए ब्याज-मुक्त सूक्ष्म ऋण, गिग वर्कर्स बीमा डिलीवरी एजेंट, ड्राइवर और कृषि श्रमिकों के लिए सरकारी समर्थन वाला दुर्घटना और जीवन बीमा की सुविधा भी प्रदान की गयी है।

2030 तक ग्रामीण भारत में बीमा कवरेज 25 प्रतिशत से बढ़कर 50 प्रतिशत होने की संभावना है। वहीं व्यक्तियों, किसानों और छोटे व्यवसायों के लिए बीमा लागत में कमी आएगी। स्वास्थ्य, दुर्घटना और आजीविका संबंधी जोखिमों के खिलाफ मजबूत वित्तीय सुरक्षा मिलेगी।

यह बजट गेम चेंजर है जिसमें कर भार में कमी से व्यक्तियों के पास अधिक डिस्पोजेबल इनकम होगी। सस्ता बीमा ग्रामीण भारत को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करेगा एमएसएमई और स्टार्टअप्स को प्रमुख कर राहत मिलेगी, कर अनुपालन प्रक्रियाओं को सरल बनाकर व्यवसायों के लिए आसानी होगी। यह सिर्फ एक बजट नहीं है बल्कि एक वित्तीय रूप से मजबूत और समावेशी भारत की रूपरेखा है।

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