एस्टीरिया एयरोस्पेस ने सेना को एटी-15 VTOL ड्रोन सौंपे,देश की सीमाओं की सुरक्षा करने में मदद करेगी



नई दिल्ली। एस्टीरिया एयरोस्पेस ने सेना को एटी-15 वर्टिकल टेकऑफ़ और लैंडिंग ड्रोन की डिलिवरी पूरी कर दी है। भारत में ड्रोन का ये अब तक का सबसे बड़ा कॉनट्रैक्ट था जिसे एस्टीरिया ने पूरा कर दिया है। इसके साथ ही देश, सुरक्षा के मामले में आत्मनिर्भर होने की दिशा में एक क़दम और आगे बढ़ गया है। ये ड्रोन आंतरिक सुरक्षा में सहायता करेंगे, साथ ही सीमाओं पर भी ये आसमान में सेना की आंखें बनकर उसकी क्षमताओं में खासी बढ़ोतरी कर सकेंगे।

इस मौके पर एस्टीरिया एयरोस्पेस के निदेशक और सह-संस्थापक नील मेहता ने कहा, “देश में बने एटी-15 सर्वेलेंस ड्रोन रक्षा मंत्रालय को सौंपकर हमने ये दिखाया है कि रक्षा के मामले में ज़रूरतों को पूरा करने के लिए हम पूरा सहयोग करने को तत्पर हैं।”

इस ‘मैन पोर्टेबल’ ड्रोन में कई ख़ासियत हैं। ऊंचे पर्वतीय इलाकों में भी ये ड्रोन काम कर सकते हैं। रात हो या दिन – इसके हाई रेज़ल्यूशन कैमरे साफ़ तस्वीर दिखा सकते हैं। देश की तोपों को अचूक निशाना लगाने में ड्रोन पूरी सहायता करेंगे। इसीलिए एटी-15 ड्रोन देश की सीमाओं को सुरक्षित करने में देश की सेना के ख़ासे काम आ सकते हैं।

एस्टीरिया एटी-15 ड्रोन में ब्लेंडेड विंग डिज़ाइन है जो स्पीड से उड़ने में मदद करती है, तेज़ हवाओं के बीच भी ये ड्रोन ज़मीन से 6,000 मीटर की ऊंचाई पर बिना किसी दिक्कत के काम कर सकते हैं। छोटी-सी जगह से भी ये ड्रोन उड़ाए जा सकते हैं क्योंकि ये वर्टिकल टेक ऑफ़ और लैंडिंग करते हैं।

एटी-15 का फ़्लाइट टाइम 120 मिनिट है और देखने की रेंज 20 किलोमीटर है। यानि दुश्मन की गतिविधियों पर ये लगातार नज़र बनाए रख सकता है। इस ड्रोन पर ईओ-आईआर पेलोड लगा हुआ है जो ज़ूम करके चीज़ों को करीब से दिखा सकता है, इसीलिए इससे बेहतर इंटेलिजेंस ली जा सकती है। ये हल्का, मज़बूत और ‘मैन पार्टेबल’ है यानि इसको कहीं ले जाने के लिए किसी मशीन की ज़रूरत नहीं है।”

एस्टीरिया एयरोस्पेस के पास बंगलूरू में 28,000 स्कवेयर फ़ुट की डीएसआईआर से अनुमति प्राप्त रिसर्च लैब वाली युनिट है जो भविष्य को ध्यान में रखकर उच्च गुणवत्ता वाले सामान बनाता है। एस्टीरिया एयरोस्पेस के बारे में और जानने के लिए आप इस वेबसाइट पर जा सकते हैं। https://asteria.co.in/

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