मुजफ्फरनगर। कभी-कभी हमारी जिंदगी की रफ्तार इतनी तेज हो जाती है कि हम अपने मन की आवाज को सुनना ही भूल जाते हैं। धीरे-धीरे तनाव, चिंता और उदासी जैसे भाव हमारे जीवन का हिस्सा बन जाते हैं, खासतौर पर बच्चे मानसिक बिमारियों का शिकार हो रहे है और सभी का कारण है कहीं ना कहीं मोबाइल है। लेकिन ये भाव हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकते हैं? ये भावनाएं हमारे शरीर को कई तरीकों से प्रभावित करती हैं। इसलिए मानसिक स्वास्थ यानी मेंटल हेल्थ के बारे में बात करना बेहद जरूरी है। उक्त बातें मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. महावीर सिंह फौजदार ने कहीं। उन्होंने कहा कि यदि किसी को मानसिक संबंधी कोई भी समस्या है तो अब वह व्यक्ति स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए टोल फ्री नंबर 14416 या 1800-891-4416 पर परामर्श लें सकता है। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर पर आज जिले के कई स्कूलों में भी स्वासथ्य विभाग की तरफ से कार्यक्रम आयोजित किए गए और मानसिक स्वास्थ्य पर चर्चा की गई।
गुरुवार को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर जिला अस्पताल में कार्यक्रम का आयोजन किया गया कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य चिकित्साधिकारी ने फीता काटकर किया। इस दौरान सीएमओ ने मानसिक बीमारी से संबंधित टोल फ्री नंबर 14416 या 1800-891-4416 जारी किया गया ताकि मरीज घर बैठे उक्त नंबरों पर डॉक्टर से परामर्श ले सके। उन्होंने कहा कि मानसिक बीमारी किसी को भी हो सकती है, इसको छुपाएं नही इलाज करवाएँ। मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को दबाने या छिपाने की कोशिश करने से वे और गंभीर हो सकती हैं। आप अकेले नहीं हैं, इस बात को भी हमेशा याद रखना चाहिए। लाखों लोग मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। इसलिए अपनी बात बताने से हो सकता है कि कोई आपकी बेहतर मदद कर पाए। मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं का इलाज किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि खासतौर पर बच्चे मानसिक बीमारी का शिकार हो रहे है, जिसका कारण मोबाइल नजर आता है, कहीं ना कही बच्चों और उनके माता पिता को इस ओर ध्यान देने की जरुरत है. मोबाइल के इस्तेमाल को कंट्रोल करने की जरुरत है।
मनोचिकित्सक डॉ. अर्पण जैन ने बताया कि हमारा मानसिक स्वास्थ्य उतना ही जरूरी है, जितना हमारा शारीरिक स्वास्थ्य। इससे जुड़ी समस्याओं से पीड़ित लोगों को सपोर्ट करना और उनके लिए सही सुविधाएं मुहैया करवाना भी वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे मनाने का उद्देश्य है।
साईकोथेरेपिस्ट मनोज कुमार ने बताया कि जिला महिला चिकित्सालय के मन कक्ष (कमरा नंबर 6) में सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को मानसिक रोग ओपीडी में ऐसे मरीजों का निशुल्क इलाज किया जाता है।