मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर से भोपा के गाँव बेलड़ा में एक तांत्रिक के कहने पर एक पति-पत्नी ने अपनी एक माह की मासूम बेटी की नरबलि देने का भयावह कदम उठाया। जानकारी के अनुसार, पत्नी की बीमारी को ठीक करने के लिए इस अमानवीय कृत्य को अंजाम दिया गया। मासूम बच्ची को जंगल में छोड़ दिया गया, और पुलिस को सूचना मिलने के बाद एसपी देहात के नेतृत्व में कई टीमों ने जंगल में सर्च अभियान चलाया। अभियान के दौरान खून से सने कपड़े बरामद हुए, लेकिन बच्ची लापता है।
आपको बता दें कि यह मामला भोपा थानाक्षेत्र का है। यहां बेलड़ा गांव में गोपाल अपने परिवार के साथ रहता है। गोपाल ने पहली पत्नी के निधन के बाद परतापुर की ममता से दूसरी शादी की थी। हालांकि, बेटी के जन्म के बाद से वह बीमार चल रही थी। इसी के चलते मंगलवार को दोनों किसी तांत्रिक के पास गए और घर आकर बच्ची की हत्या कर दी। वहीं जब किसी को बच्ची के रोने की आवाज सुनाई नहीं दी तो पड़ोसियों को उन पर शक हुआ जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू की।
पुलिस ने बुधवार रात करीब साढ़े 10 बजे दंपति से पूछताछ की। इसके बाद दोनों ने अपनी बच्ची के मर्डर की बात को कबूल कर लिया। इसके बाद पुलिस उस स्थान पर पहुंची जहां उन्होंने कहा था कि बच्ची को सीकरी और बेलड़ा के बीच के जंगल में फेंका गया है। पुलिस को वहां से केवल बच्चे के कपड़े ही मिले है। हलांकि, अभी तक बच्ची का शव नहीं मिला है। पुलिस ने पति-पत्नी और उस तांत्रिक को गिरफ्तार कर लिया है, जो PRD का जवान बताया जा रहा है। तांत्रिक बाबा तंत्र विद्या के माध्यम से जाहरवीर बाबा की चौकी लगाता था। देर रात तक पुलिस ने तीनों के बताए गए स्थान पर बच्ची के शव की तलाश की। नवरात्रों के समय इस प्रकार की घटना से पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। यह घटना समाज में अंधविश्वास और तंत्र विद्या के दुष्प्रभावों का एक और भयावह उदाहरण है, जिससे मासूम की जान चली गई। पुलिस अब मामले की गहराई से जांच कर रही है।
गोपाल की पत्नी ममता ने पुलिस को बताया कि सवा माह पहले बच्ची को जन्म दिया था। बेटी का नाम उन्होंने शगुन रखा. लेकिन बुधवार को दंपति ने तांत्रिक के साथ मिलकर दोनों ने अपनी ही बेटी की बलि दे डाली। दंपति ने पुलिस पूछताछ में कबूल कर लिया है कि दोनों ने मिलकर अपनी बेटी की हत्या की है। पुलिस का कहना है कि यह मामला नरबलि का है। हालांकि, हर एंगल से मामले की जांच की जा रही है।
SP देहात मुजफ्फरनगर आदित्य बंसल ने बताया कि गोपाल की पहली पत्नी का निधन हो गया था। इसके बाद उसने गांव परतापुर निवासी ममता से शादी की थी। दोनों की एक बेटी हुई, जो बीमार रहती थी, लेकिन गोपाल-ममता इलाज कराने की बजाय उसे तांत्रिक के पास ले गए, जिसने बुरी आत्मा का साया बताया और बच्ची की बलि देने के लिए कहा। बलि दे दी गई और लाश ठिकाने लगाई गई। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया। उनकी निशानदेही पर सीकरी और बेलड़ा के बीच के जंगल से बच्ची के कपड़े बरामद किए गए।