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सरकार का गठन संसदीय प्रणाली से होगा यह पौराणिक काल से स्थापित है: डॉ. विवेक 

सरकार का गठन संसदीय प्रणाली से होगा यह पौराणिक काल से स्थापित है: डॉ. विवेक 

विधि अध्ययन संस्थान में आयोजित माॅक पार्लियामेंट की सरकारी दक्षता विषय पर आयोजित कार्यक्रम 

 मेरठ। संविधान द्वारा स्थापित भारतीय सरकार का गठन संसदीय प्रणाली से होगा यह विचारधारा भारतीय संस्कृति में पौराणिक काल से स्थापित है। जिसका वर्णन ब्रह्मा जी ने एक आचार संहिता द्वारा शासन करना बताया। जिसका वर्णन शुक्र नीति , चाणक्य नीति आदि में भी किया गया है। जिसमें राजा का निर्णय उसकी परिषद के अधीन है। जिससे समाज में अराजकता व अव्यवस्था ना हो। यह बात विधि अध्ययन संस्थान में आयोजित माॅक पार्लियामेंट की सरकारी दक्षता विषय पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान संस्थान के समन्वयक डाॅ. विवेक त्यागी ने कही।

                 डाॅ. विवेक त्यागी ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम युवाओं को राष्ट्रीय मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त करने के लिए एक मंच प्रदान करता है, साथ ही बहस, नेतृत्व, आलोचनात्मक सोच और सार्वजनिक भाषण जैसे प्रमुख कौशल विकसित करता है। इसके अलावा, कानून निर्माताओं की भूमिका में कदम रखकर नागरिक जिम्मेदारी की मजबूत भावना को बढ़ावा देते हैं। यह कार्यक्रम प्रतिभागियों को ऐसी चर्चाओं में शामिल करके राष्ट्रीय मुद्दों के बारे में उनकी समझ को बढ़ाएगी और उन्हें अधिक सूचित और जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए प्रोत्साहित करेगी। वहीं इस अवसर  पर विधि अध्ययन संस्थान के छात्र/छात्राओं ने संसद की कार्यप्रणाली का जीवंत किया। इसमें छात्र/छात्राओं ने विभिन्न मुददों पर बहस की। इस दौरान संसदीय परंपरा का भी अनुसरण किया गया। संसद में प्रश्नोत्तर काल, विधेयकों पर चर्चा, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव आदि पर वाद-विवाद, सत्तापक्ष एवं विपक्ष के बीच सार्थक बहस हुई। संसद  में स्पीकर, डिप्टी स्पीकर समेत पक्ष और विपक्ष के नेताओं का चयन किया गया। सांसदों ने यूनियन बजट , शिक्षा , रोजगार , सामाजिक-सांस्कृतिक विकास , कानून , स्वास्थ्य सेवायें , आतंकवाद एवं विकास आदि महत्वपूर्ण विषयों को संसद में उठाया। सत्ता पक्ष के सांसदों ने भी इन्हीं विषयों पर अपना पक्ष प्रस्तुत करते हुये सरकारी दक्षता की कार्य प्रणाली में महत्ता व प्राथमिकता पर जोर दिया। सरकार का पक्ष रखते हुए सत्ता पक्ष के नेता ईशान भारद्वाज , सरजना , अनमोल , शगुन , सलोनी , ईशिता , खुशी , चिरायू , रमा , नेहा , साक्षी , हिमांशी , श्रेया , वंशिका , तनु आदि ने विपक्ष के द्वारा पूछे गये सवालों पर तर्कसंगत जवाब सदन में प्रस्तुत किये। विपक्ष पक्ष के नेताओं में पलक रावल , तान्या , कार्तिकेय , अन्नया , हर्षिता , प्रकृति , नील , नन्दनी , रीमिशा , गौरी , अंकुर , विधि ने सरकार से देश में हो रही विभिन्न घटनाओं व न्यायिक बदलावों के बारे में प्रश्न पूछे। संसद की अध्यक्षता अनुज कुमार व कार्यक्रम का संचालन प्रियांशी द्वारा किया गया। 

कार्यक्रम में डा. सुदेशना , डा.कुसुमावती ,  आशीष कौशिक , डा. विकास कुमार, डा. अपेक्षा चैधरी, डा. धनपाल , डा. महिपाल , डा3 सुशील कुमार शर्मा , डा. मीनाक्षी , डा. अरशद और श्री गौरव प्रेस प्रवक्ता मितेन्द्र कुमार गुप्ता एवं संस्थान में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं  उपस्थित रहे।

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