नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट से आज दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को तगड़ा झटका लगा। देश की सबसे बड़ी अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी। जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की अध्यक्षता वाली बेंच ने सत्येंद्र जैन को तत्काल सरेंडर करने का आदेश दिया।
इससे पहले शीर्ष अदालत ने 17 जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था। तब सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने जमानत याचिका का विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि जेपी मोहता, सत्येंद्र जैन के सीए थे। उन्होंने ही कंपनियों का प्रबंधन किया। वो नकदी को सफेद धन में बदलना चाहते थे। मोहता ने जैन को बताया था कि उनका कलकाता में कुछ कनेक्शन है और वहां से निवेश किया जाएगा और कुछ ब्याज दिया जाएगा। यह सभी शेल कंपनियां हैं। यही केस का मुख्य बिंदु है।
तब जस्टिस त्रिवेदी ने पूछा था कि तो आप यह कहना चाहते हैं कि शेयर बढ़ाने से उनको लाभ मिला। तब राजू ने कहा था कि सत्येंद्र जैन ही वास्तव में कंपनी के प्रभारी थे, अंकुश और वैभव जैन केवल डमी थे जिन्हें बैकडेटेड दस्तावेजों के माध्यम से नियुक्त किया गया था।
शीर्ष कोर्ट ने पूछा था कि हमें बताएं कि वह कैसे काम करते थे। तब राजू ने कहा था कि वह हवाला के जरिए काम करते थे। अगर आप कोलकाता से धन दिल्ली भेजना चाहते हैं, वाहक को पता नहीं चलेगा। बस एक करेंसी नोट दिखाना होगा। राजू ने कहा था कि असल में अंकुश और वैभव जैन ने सत्येंद्र जैन के बकाये पर कर का भुगतान किया है। उन्होंने सवाल उठाया था कि ऐसा क्यों होगा जब तक कि पैसा सत्येन्द्र जैन का न हो। दरअसल यह आपस में जुड़ा हुआ परिवार है।
सत्येंद्र जैन के वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि ईडी ने पहले कहा कि जैन की कंपनियों में शेयरहोल्डिंग है और अब कह रही है कि नियंत्रण है। सिंघवी ने कंपनियों के वित्तीय नतीजे का हवाला देते हुए कहा था कि जैन का कंपनी पर कोई नियंत्रण नहीं है। उन्होंने कहा था कि सीबीआई ने कहा है कि एक करोड़ 53 लाख रुपये का अपराध है लेकिन ईडी कहता है कि 4 करोड़ 61 लाख रुपये का अपराध है। दोनों ही आरोप गलत हैं। जैन का कंपनी में रोल केवल आर्किटेक्ट का था।
सुप्रीम कोर्ट ने 18 मई 2023 को ईडी को नोटिस जारी किया था। जैन के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने जैन के खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया था और कहा कि जेल में जैन का वजन 35 किलोग्राम कम हो गया है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली हाई कोर्ट ने 6 अप्रैल, 2023 को सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि सत्येंद्र जैन प्रभावशाली व्यक्ति हैं और वो गवाहों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। 17 नवंबर, 2022 को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सत्येंद्र जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। ईडी ने सत्येंद्र जैन को 30 मई, 2022 में गिरफ्तार किया था।