लखनऊ। यूपी के हमीरपुर जिले में अवैध खनन के मामले में बतौर गवाह पूछताछ के लिए सीबीआई ने समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव आज गुरुवार (29 फरवरी) को एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा है। लेकिन अखिलेश यादव को आज सीबीआई के सामने पेश नहीं होंगे।
बताया जा रहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का गवाही के लिए दिल्ली जाना मुश्किल है। वहीं, सीबीआई के समन को चुनौती देने के लिए वो हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट भी जा सकते हैं। सीबीआई की एफआईआर के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी मामले में कथित मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रहा है। Lok Sabha Elections 2024 से एक महीने पहले यह घटनाक्रम महत्वपूर्ण माना जा रही है। यूपी के अंदर सपा और कांग्रेस ने गठबंधन किया है।
सीबीआई के समन पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि चुनाव की वजह से उन्हें परेशान करने के लिए नोटिस भेजा गया है। उन्होंने ने कहा, “सपा सबसे ज्यादा निशाने पर है, 2019 में भी मुझे किसी मामले में नोटिस मिला था, क्योंकि तब भी लोकसभा चुनाव था। अब जब चुनाव आ रहा है, तो मुझे फिर से नोटिस मिल रहा है। मैं समझता हूं कि जब चुनाव आएगा तो नोटिस भी आएगा। ये घबराहट क्यों है। अगर पिछले दस सालों में आपने बहुत काम किया है तो फिर आप क्यों घबराए हुए हैं।
सीबीआई ई-टेंडरिंग प्रक्रिया का कथित उल्लंघन करके खनन पट्टे जारी करने के मामले में अखिलेश यादव और उनकी कैबिनेट में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति की भूमिका की जांच कर रही है। इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर 2 जनवरी, 2019 को दायर अपनी एफआईआर में सीबीआई ने कहा था, “मामले की जांच के दौरान संबंधित अवधि के दौरान संबंधित तत्कालीन खनन मंत्रियों की भूमिका पर गौर किया जा सकता है।