नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के दौरे पर हैं। यहां उन्होंने पहले बेट द्वारका मंदिर में पूजा-अर्चना की। इसके बाद सबसे लंबा केबल ब्रिज ‘सुदर्शन सेतु’ का उद्घाटन किया। इसके बाद पीएम मोदी ने द्वारका के पंचकुई समुद्र तट पर स्कूबा डाइविंग भी की। इस दौरान उनकी सुरक्षा में भारतीय नौसेना के अधिकारी तैनात रहे।
द्वारका में एडवेंचर स्पोर्ट्स और टूरिज्म को बढ़ावा देने के मकसद से पीएम मोदी ने स्कूबा डाइविंग की। इस दौरान पीएम मोदी गहरे समुद्र में गए और उस स्थान पर प्रार्थना की, जहां भगवान श्री कृष्ण का जलमग्न द्वारका शहर है। यह प्राचीन शहर भगवान श्री कृष्ण से जुड़ा हुआ है, जो भव्यता और समृद्धि का केंद्र था। यह समुद्र के भीतर एक ऐसा स्थान है, जो अपनी समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को संजोए हुए है।
पीएम मोदी स्कूबा डाइविंग के दौरान पानी के भीतर भगवान कृष्ण को अर्पण करने के लिए मोर पंख भी लेकर गए थे। वहा द्वारका के पास समुद्र में गहरे पानी के भीतर गए और वहां प्रार्थना की। पीएम मोदी ने इसके बाद एक्स पर लिखा कि ”पानी में डूबी द्वारिका नगरी में प्रार्थना करना बहुत ही दिव्य अनुभव था। मुझे आध्यात्मिक वैभव और शाश्वत भक्ति के एक प्राचीन युग से जुड़ाव महसूस हुआ। भगवान श्री कृष्ण हम सभी को आशीर्वाद दें।”
पीएम मोदी ने अपने भाषण में भी द्वारका में अपने दर्शन के अनुभव को साझा किया।
पीएम मोदी ने स्कूबा डाइविंग के जरिए भगवान श्रीकृष्ण से अपने गहरे जुड़ाव को उजागर किया। उन्होंने इसको लेकर कहा कि यह एक दिव्य अनुभव था। पीएम मोदी इसके पहले लक्षद्वीप में भी स्कूबा डाइविंग कर चुके हैं और तब उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थीं।
गौरतलब है कि स्कूबा डाइविंग में पानी की गहराई में तैरना होता है। इसके लिए ऑक्सीजन सिलेंडर व तैराकी वाले पोशाक और स्विमिंग गॉगल्स की भी जरूरत होती है। इसे सेल्फ कंटेंड अंडरवाटर ब्रीदिंग एपरेसट कहा जाता है।