नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के जवाब में दो पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी का नाम लिया और उनके पद की ‘कमजोरियां’ बताईं।
लोकसभा में चुनावी वर्ष में खराब प्रदर्शन के लिए विपक्ष का मजाक उड़ाते हुए पीएम मोदी ने ‘विश्वास की कमी’ को इंगित करने के लिए कांग्रेस के दो पूर्व प्रधानमंत्रियों के बयानों का जिक्र किया।
सन् 1959 में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के स्वतंत्रता दिवस भाषण को याद करते हुए उन्होंने कहा: “नेहरू ने लालकिले से कहा था कि भारतीयों को कड़ी मेहनत करने की आदत नहीं है। उन्होंने कहा कि हम भारतीय यूरोप, जापान, चीन, रूस और अमेरिका जितनी मेहनत नहीं करते। पीएम मोदी ने कहा, नेहरू सोचते थे कि भारतीय आलसी होते हैं।“
कांग्रेस सांसदों की नारेबाजी और गुस्से भरे विरोध प्रदर्शन के बीच पीएम मोदी ने कहा, “नेहरू सोचते थे कि भारतीय आलसी और कम बुद्धिमान हैं।”
पीएम मोदी ने यह भी बताया कि कैसे पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने एक बार उल्लेख किया था कि भारतीय कठिनाइयों और बाधाओं से ‘भागते’ हैं।
स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले की प्राचीर से पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के एक उद्धरण को पढ़ते हुए उन्होंने कहा : “दुर्भाग्य से, हमारी आदत है कि जब कोई शुभ काम पूरा होने वाला होता है, तो हम लापरवाह हो जाते हैं, जब कोई कठिनाई आती है, तो हम लापरवाह हो जाते हैं। कभी-कभी ऐसा लगता है कि पूरा देश विफल हो गया है। ऐसा लगता है जैसे हमने पराजय की भावना को अपना लिया है।”
‘एक परिवार के लिए हर चीज’ को प्राथमिकता देने के लिए कांग्रेस नेतृत्व की आलोचना करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सबसे पुरानी पार्टी ने कभी भी देशवासियों और अपनी क्षमता पर भरोसा नहीं किया।
लोकसभा के आखिरी सत्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत अपने शीर्ष नेताओं की कीमत पर ‘परिवारवादी संस्कृति’ को बढ़ावा देने के लिए कांग्रेस पर निशाना साधते हुए की।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपनी बार-बार विफलताओं के बावजूद एक विशेष नेता को ‘लॉन्च और री-लॉन्च’ कर रही थी और उसने कभी भी आत्मनिरीक्षण की जरूरत महसूस नहीं की।
उन्होंने कहा कि विपक्षी दल अपनी मौजूदा हालत के लिए खुद जिम्मेदार हैं, चुनावी वर्ष होने के बावजूद वे अपना घर व्यवस्थित नहीं कर सके।