इंतजार की घड़ी खत्म,अयोध्या में त्रेता युग का आगाज, प्रभु श्रीराम विराजेंगे आज,शाम होते ही दस लाख दीपों से जगमगाएगी राम नगरी

अयोध्या। इंतजार की घड़ी खत्म… आखिरकार 22 जनवरी की वह तिथि आ ही गई, जिसका इंतजार 500 वर्षों से था। भारत के इतिहास में आज एक और अध्याय जुड़ने जा रहा है। मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम श्रीराम आज अपनी जन्मभूमि में भव्य-नव्य मंदिर के मूल गर्भगृह में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुभ मुहूर्त में श्रीरामलला की प्रतिमा उनके सही स्थान पर विराजमान कर प्राण प्रतिष्ठित करेंगे।

त्रेता युग में भगवान श्रीराम 14 वर्ष के वनवास के बाद जब अयोध्या लौटे थे, तो पूरी अवध नगरी को भव्य व दिव्य रुप से सजाया गया था। चहुं ओर आनंद का उत्सव था। घरों में दीपों की लड़ियां सजाकर लोग दीपोत्सव का आयोजन कर रहे थे। इस समय भी यहां वही दृश्य दृष्टिगोचर हो रहा है। साकेत पुरी का पत्ता-पत्ता अपने आराध्य के स्वागत में आनंदित है, मग्न भाव में नृत्य कर रहा है। चहुंओर राम नाम की धूम है। मठों, मंदिरों के अलावा रिहायशी मकानों और सामुदायिक भवनों में रामनाम का अनवरत जाप और रामायण के पारायण चल रहे हैं। अयोध्या में प्रवेश करते ही त्रेता युग का आभास हो रहा है। शाम होते ही 10 लाख दीपों से अवध नगरी को जगमगाने की तैयारी है।

देखते ही बन रही है राम पथ, भक्ति पथ और धर्म पथ की अलौकिक आभा

अयोध्या नगरी को हजारों क्विंटल फूलों से भव्य रुप से सजाया गया है। चारों तरफ उत्सव सा माहौल है। जन्मभूमि पथ से लेकर राम पथ, भक्ति पथ और धर्म पथ की अलौकिक आभा देखते ही बन रही है।

देश भर की परंपराओं और कला का हो रहा समागम

सांस्कृतिक नृत्य और वादन के माध्यम से विभिन्न स्थानों पर प्रदेश के साथ-साथ देश भर की परंपराओं और कला का समागम हो रहा है। हर तरफ भगवान राम के भजन सुनने को मिल रहे हैं। ऐसा लग रहा है मानों रघुनंदन के अभिनंदन के लिए पूरा स्वर्ग ही धरती पर उतर आया है। शबरी के, केवट के, दमितों और वंचितों के, सबके श्रीराम आ रहे हैं और वो पीढ़ी धन्य हो रही है, जिसे इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने का सौभाग्य मिल रहा है।

अवध में उत्सव है भारी, दीपोत्सव की भी तैयारी

प्राण प्रतिष्ठा के लिए राम मंदिर परिसर को भी देश के विविध क्षेत्रों से लाये गये फूलों से सजाया गया है। विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए मंच बनाए गए हैं। विभिन्न धर्माचार्यों द्वारा अलग-अलग स्थानों पर राम कथा का आयोजन हो रहा है तो विभिन्न देशों की रामलीलाओं का मंचन भी किया जा रहा है।

धार्मिक अलख जगा रही लेजर शो

लता चौक पर लगी वीणा को भी लाइटिंग और फूलों के अद्भुत संगम से रौशन किया गया है। पूरे अयोध्या धाम में म्यूरल पेंटिंग और वॉल पेंटिंग के माध्यम से भगवान श्रीराम की जीवनी से जुड़े अलग-अलग अध्यायों का चित्रण किया गया है। राम की पैड़ी में सरयू आरती के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ लेजर शो धार्मिक अलख जगा रही है।

12 बजे के बाद शुरू होगा प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम

भगवान श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम अभिजीत मुहूर्त में संपन्न किया जाएगा। इस ऐतिहासिक अवसर पर कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी एक दिन पहले ही अयोध्या धाम पहुंच चुके हैं। वहीं प्रधानमंत्री मोदी सुबह 10.25 पर अयोध्या धाम के महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पहुचेंगे। 10.45 पर अयोध्या हेलीपैड पर उनका आगमन होगा। यहां से वो सीधे राम जन्मभूमि स्थल पर पहुंचेंगे। इसके बाद 11 बजे से 12 बजे तक वह विभिन्न आयोजनों में हिस्सा लेंगे, जबकि दोपहर 12.05 बजे से 12.55 तक प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन होगा। दोपहर एक बजे कार्यक्रम खत्म होने के बाद वह समारोह स्थल पर पहुंचेंगे, जहां अन्य विशिष्ट अतिथियों के साथ ही पूरे देश और दुनिया को संबोधित करेंगे।

काशी के आचार्य कराएंगे प्राण प्रतिष्ठा

समारोह के अनुष्ठान की सभी प्रक्रियाओं का समन्वय, समर्थन और मार्गदर्शन करने वाले 121 आचार्य होंगे। वाराणसी के गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ सभी प्रक्रियाओं की निगरानी, समन्वय और दिशा-निर्देशन करेंगे तथा काशी के लक्ष्मीकांत दीक्षित मुख्य आचार्य होंगे। प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रहेगी।

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