दस में मिले टीबी के लक्षय ,उपचार शुरू
मेरठ । जिले में सभी स्वास्थ्य केन्द्रों और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर एकीकृत निक्षय दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान ओपीडी में आये 4012 मरीजों की स्क्रीनिंग की गयी, जिसमें 273 टीबी के संभावित मरीजों के बलगम के सैंपल जांच के लिए लैब में भेजे गये।जिसमें से दस की रिपोर्ट पोजिटिव निकली है। जिनका उपचार विभाग की ओर से निशुल्क आरंभ कर दिया गया है। वही जिला क्षय रोग अधिकारी डा. गुलशन राय ने ओपीडी का निरीक्षण कर लोगों को टीबी के प्रति जागरूक किया।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. गुलशन राय ने बताया एकीकृत निक्षय दिवस पर 176 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) व 392 आशा कार्यकर्ताओं की सेवाएं ली गयीं। उन्होंने कहा ओपीडी में बड़ी संख्या में मरीज आये, जिन्होंने जांच में रुचि दिखायी। एकीकृत निक्षय दिवस के आयोजन का उद्देश्य क्षय रोग के बारे में जन.जागरूकता और मॉनिटरिंग बढ़ाना है, जिससे क्षय रोगियों की पहचान और उपचार जल्दी हो सके। उन्होंने कहा-दरअसल पल्मोनरी (फेफड़ों की) टीबी एक संक्रामक रोग है और पहचान में देरी होने से उपचार शुरू होने तक रोगी अपने संपर्क में आने वाले 10 से 15 लोगों को संक्रमित कर सकता है। टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए संक्रमण का चक्र तोड़ना जरूरी है।
उन्होंने ने बताया एकीकृत निक्षय दिवस के अवसर पर ओपीडी में मरीजों की जांच करने के साथ -साथ सीएचओ, एएनएम व आशा कार्यकर्ताओ ने ओपीडी में आने वाले लोगों को एकीकृत निक्षय दिवस के बारे में विस्तृत रूप से जागरूक किया।
उप जिला क्षय रोग अधिकारी डा विपुल ने बताया विभाग की ओर से क्षय रोग की जांच और उपचार का प्रावधान है। निक्षय पोषण योजना के तहत उपचार जारी रहने तक सरकार की ओर से हर रोगी के बैंक खाते में प्रतिमाह पांच सौ रुपए का भुगतान किया जाता है । भले ही क्षय रोगी का उपचार किसी निजी चिकित्सालय में चल रहा हो। यह राशि क्षय रोगी को बेहतर पोषण के लिए दी जाती है। इसके लिए नोटिफिकेशन जरूरी है।
उन्होंने जनता से अपील की है कि अगर किसी को टीबी के लक्षण नजर आएं तो अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जांच अवश्य करायें। सजगता से परिवार के अन्य सदस्य संक्रमण से बच सकते हैं। इस मौके पर डॉ. विपुल, जिला समन्वयक नेहा सक्सेना, पीपीएम शबाना बेगम, अंजू, अजय सक्सेना गुप्ता आदि मौजूद रहे।