अयोध्या। श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के शुभ अवसर पर अयोध्या सहित पूरा देश राममय हो चुका है। श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह स्थल, अयोध्या में प्रधानमंत्री सहित हजारों की संख्या में अति विशिष्ट अतिथियों, साधु-संतों एवं विभिन्न क्षेत्रों में विशेष स्थान रखने वाले गणमान्य व्यक्तियों का आगमन हो रहा है। ऐसे में किसी भी प्रकार के प्राकृतिक एवं मानव जनित आपदाओं से निपटने हेतु मनोज कुमार शर्मा, उपमहानिरीक्षक 11 वाहिनी एनडीआरफ वाराणसी के नेतृत्व में वारासी एवं एनडीआरएफ क्षेत्रीय प्रतिक्रिया केंद्र लखनऊ तथा गोरखपुर से विशेष रूप से प्रशिक्षित एवं चिन्हित टीमों को तैनात किया गया है।
उप महानिरीक्षक मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि यह हम सभी के लिए बहुत ही सौभाग्य की बात है की एनडीआरएफ के बचाव कर्मी के रूप में देश स्तर के इतने बृहद रूप के आयोजन के दौरान सेवा करने का मौका मिला है। एनडीआरएफ की तीन टीमों को अयोध्या में तैनात की गई है। जिसमें एक टीम केमिकल बायोलॉजिकल रेडियोलॉजिकल एवं न्यूक्लियर आपदा (सीबीआरएन) के लिए है, वहीं दूसरी टीम कॉलेप्स स्ट्रक्चर सर्च एंड रेस्क्यू (सीएसएसआर) से संबंधित आपदाओं से निपटने के लिए सभी प्रकार के अत्यधिक राहत बचाव उपकरणों के साथ तथा हमारी तीसरी टीम को सरयू नदी में विभिन्न घाटों पर रेस्क्यू मोटर बोट, गोताखोर, पैरामेडिक, लाइफ जैकेट इत्यादि के साथ तैनात है।
केमिकल बायोलॉजिकल रेडियोलॉजिकल न्यूक्लियर (सीबीआरएन) से संबंधित आपदा से निपटने के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, डीआरडीओ संस्थान के द्वारा विशेष रूप से निर्मित Hazmat वाहन को भी तैनात किया गया है। Hazmat वाहन केमिकल बायोलॉजिकल रेडियोलॉजिकल न्यूक्लियर (सीबीआरएन) के किसी भी प्रकार के हमलों को रोकने में सक्षम है। इसमें लगे अत्यधिक सेंसर सीबीआरएन पदार्थ का दूर से पता लगा सकते हैं, साथ ही वाहन के साथ तैनात रेस्क्यूकर्स किसी भी प्रकार के केमिकल बायोलॉजिकल रेडियोलॉजिकल न्यूक्लियर हमले की साजिश को नाकाम कर सकते हैं। इस वाहन को खतरा भविष्यवाणी सॉफ्टवेयर के साथ तैयार किया गया है ताकि मौसम की सटीक जानकारी भी प्राप्त हो सके। उन्होंने बताया कि जरूरत करने पर एनडीआरएफ के अतिरिक्त टीमों को भी वाराणसी, एवं एनडीआरएफ क्षेत्रीय प्रतिक्रिया केंद्र लखनऊ, गोरखपुर से तैनात किया जाएगा। उन्होंने सभी राम भक्तों को बधाई देते हुए कहा कि हम सभी की जिम्मेवारी हैं कि स्थानीय प्रशासन के द्वारा बताए गए दिशा निर्देशों का पालन करें और इस शुभ अवसर का साक्षी बने।