नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल (एल-जी) वी.के. सक्सेना ने शिक्षा विभाग के लिए प्रिंसिपल और उप शिक्षा अधिकारी के 29 पदों को भरने की मंजूरी दे दी है, जो राज्य के सरकारी स्कूलों में 2019 और 2021 के बीच खाली हुए थे।
उपराज्यपाल कार्यालय ने शनिवार को कहा कि सक्सेना ने छह ऐसे पदों को समाप्त करने की सिफारिश भी स्वीकार कर ली है क्योंकि उन्हें पांच साल से अधिक समय तक खाली रहने के कारण “तत्काल समाप्त” श्रेणी में माना गया था।
एक अधिकारी ने कहा कि प्रधानाचार्य और उप शिक्षा अधिकारी के दो पद 2019 से रिक्त थे। वर्ष 2020 में दो और पद रिक्त हो गए। अभिलेखों के अनुसार, 2020 में ऐसे कुल 23 पद रिक्त थे और वर्ष 2021 में अप्रैल तक दो और पद रिक्त हो गए।
समाप्त किए गए छह पदों में से तीन 2013-14 से, दो 2014-15 से और एक 2016-17 से खाली पड़ा था।
इससे पहले अप्रैल 2023 में, प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा परीक्षण के बाद शिक्षा विभाग ने रिक्त पड़े कुल 370 पदों के मुकाबले शिक्षा निदेशालय में 126 पदों को भरने और प्रिंसिपल तथा उप शिक्षा अधिकारी के 244 पदों के सृजन के लिए एलजी की मंजूरी प्राप्त की थी। अधिकारी ने कहा कि रिक्ति वर्ष 2013-14 से 2019 तक पदोन्नति के माध्यम से भरी जाएगी।
इस संबंध में प्रस्ताव प्रस्तुत करते समय शिक्षा विभाग ने उल्लेख किया कि जिस उद्देश्य से ये पद सृजित किए गए थे वह उद्देश्य अभी भी मौजूद है और विभाग के सुचारू कामकाज के लिए आवश्यक है। अधिकारी ने कहा, वर्तमान में, काम का प्रबंधन उप-प्रधानाचार्यों द्वारा किया जाता है और यह एक अस्थायी व्यवस्था है जिसकी कुछ सीमाएँ हैं। इसे लंबे समय तक जारी नहीं रखा जा सकता।