भारतीय सेना को मिले 331 युवा अफसर,मनोज पांडे ने ली सलामी,कड़ा प्रशिक्षण लेकर देश सेवा में होंगे तैनात

देहरादून। मातृभूमि की आन-बान और शान की रक्षा के लिए आज (शनिवार) 331 जांबाज सेना में शामिल हुए। इस बार भी उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा कैडेट्स देने वाला राज्य बना। सात मित्र देशों के 42 कैडेट भी पास आउट हुए। थल सेना प्रमुख ने परेड की सलामी ली। भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) के ऐतिहासिक चेटवुड भवन के सामने ड्रिल स्क्वायर पर सुबह परेड शुरू हुई। परेड के बाद पीपिंग सेरेमनी आयोजित की गई। परेड के दौरान आईएमए को सुरक्षा के लिहाज से जीरो जोन घोषित किया गया।

ड्रिल स्क्वायर पर सुबह सात बजकर 25 मिनट पर मार्कर्स काल के साथ परेड शुरू हुई। थल सेना प्रमुख मनोज पांडे शौर्य मार्ग से परेड स्थल पर 7 बजकर 15 मिनट पर पहुंंचे। निरीक्षण अधिकारी ने कैडेट्स को ओवरआल बेस्ट परफॉर्मेंस और अन्य सम्मान से नवाजा। इस मौके पर सेना के तीन हेलीकॉप्टरों से पुष्प वर्षा की गई। वरिष्ठ सैन्य अधिकारी, देश-विदेश के अतिथि और कैडेट्स के परिजन इस भव्य आयोजन के साक्षी बने।

इससे पहले कंपनी सार्जेंट मेजर प्रशांत ठाकुर, अमन परिहार, दिनेश झाझरा, शुभम शर्मा, आनंद ए ने ड्रिल स्क्वायर पर अपना स्थान ग्रहण किया। 6 बजकर 48 मिनट पर एडवांस काल के साथ ही सीना ताने राष्ट्र के भावी कर्णधार कदम बढ़ाते हुए परेड के लिए पहुंचे। सूबेदार मेजर दयानंद जोशी के नेतृत्व में सेना के बैंड ने सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा… की धुन पर जेंटलमैन कैडेटेस के दिल में जोश भर दिया । परेड के समादेशक लेफ्टिनेंट जनरल बीके मिश्रा और समादेशक मेजर जनरल आलोक जोशी (राजपूत रेजिमेंट) सात बजकर 03 मिनट पर परेड स्थल पहुंचे।

भारत के पास आउट होने वाले 331 कैडेट्स में से डायरेक्ट एंट्री वाले 55 कैडेट्स शामिल हैं। जबकि, एक्स एनडीए 204 और एक्स एससी 40 कैडेट्स पास आउट हुए। 32 कैडेट्स टीजीसी कोर्स के हैं। आईएमए की स्थापना के बाद से अब तक यहां से 64862 देशी एवं विदेशी कैडेट्स पास आउट हो चुके हैं। इसी के साथ आईएमए के नाम अब तक 2885 विदेशी कैडेट्स को ट्रेनिंग देने का गौरव जुड़ गया है।

स्वॉर्ड ऑफ ऑनर का प्रतिष्ठित पुरस्कार मिहिर बनर्जी और ऑर्डर ऑफ मेरिट में प्रथम आने वाले जेंटलमेन कैडेट के लिए स्वर्ण पदक अभिमन्यु सिंह और जेंटलमेन कैडेट के लिए सिल्वर मेडल ऑर्डर ऑफ मेरिट में दूसरे स्थान पर रहने वाले मिहिर बनर्जी को प्रदान किया गया। मेरिट के क्रम में तीसरे स्थान पर रहे जेंटलमेन कैडेट के लिए कांस्य पदक कमलप्रीत सिंह को प्रदान किया गया। तकनीकी स्नातक पाठ्यक्रम से मेरिट के क्रम में प्रथम आने वाले जेंटलमैन कैडेट के लिए रजत पदक जूनियर अफसर सूर्यभान सिंह को प्रदान किया गया।

विदेशी जीसी से मेरिट क्रम में प्रथम आने वाले जेंटलमैन कैडेट के लिए बांग्लादेश को मेडल और किंगा लेंडुप (भूटान) को प्रदान किया गया। स्प्रिंग टर्म 2023 के लिए 12 कंपनियों में ओवरऑल फर्स्ट आने के लिए कैसिनो कंपनी को चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर से सम्मानित किया गया।

उल्लेखनीय है कि अभी तक निरीक्षण अधिकारी चार घोड़ों वाली बग्घी (पटियाला कोच) से परेड मैदान में पहुंचते थे। पटियाला के पूर्व महाराज ने यह बग्घी वर्ष 1969 में आइएमए को भेंट की थी। इसके अलावा जयपुर के पूर्व महाराज की ओर से उपहार स्वरूप दी गई जयपुर कोच, विक्टोरिया कोच व कमांडेंट्स फ्लैग कोच भी चलन में रही है। रक्षा मंत्रालय के आदेश के तहत इस बार आईएमए परेड से घोड़ा बग्घी की विदाई हो गई है।

इन राज्यों के हैं कैडेट: उत्तर प्रदेश के 63, बिहार के 33, हरियाणा के 32, महाराष्ट्र के 26, उत्तराखंड के 25, पंजाब के 23, मध्य प्रदेश के 19, राजस्थान के 19, हिमाचल प्रदेश के 17, दिल्ली के 12, कर्नाटक के 11, छत्तीसगढ़ के 05, केरल के 05 ,जम्मू और कश्मीर के 06, झारखंड के 08, तमिलनाडु के 08, तेलंगाना के 03, पश्चिम बंगाल के 03, गुजरात के 02 , नेपाल (अधिवास) के 02, ओडिशा के 02, आंध्र प्रदेश, चंडीगढ़, गोवा, मणिपुर, पांडिचेरी, त्रिपुरा,असम से 01-01 कैडेट्स पास आउट हुए हैं।

मित्र राष्ट्रों के कैडेटः भूटान के 19, ताजिस्कतान के 17, मालदीव, सुडान, वियतनाम और सेशल्स से 01-01 और श्रीलंका के 02 कैडेट शामिल हैं। एक अक्टूबर 1932 से अब तक आईएमए की शौर्य पताका फहरा रही है। पिछले 91 वर्षों में अकादमी ने अपनी प्रशिक्षण क्षमता 40 से 1650 जैंटलमैन कैडेट तक बढ़ा दी है।

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