लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने विधानमंडल के दोनों सदनों में 28760.67 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया। इसमें धर्म के साथ पढ़ाई, रोशनी, और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं पर विशेष फोकस किया है। वित्तमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बुधवार को विधानसभा में वित्तवर्ष 2023-24 के लिए अनुपूरक बजट पेश किया। इस बजट में चुनाव का अक्स साफ दिखाई दिया।
अनुपूरक बजट में 19046.39 करोड़ रुपये राजस्व खर्च और 9714.28 करोड़ रुपये पूंजी खर्च के लिए रखे गए हैं। नई योजनाओं के लिए 7421.21 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। अयोध्या में श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से पूरे वर्ष चलने वाले श्रीराम उत्सव पर 100 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। विधानमंडल में पेश किए गए बजट में इसका प्रावधान किया गया है। वहीं, अयोध्या संरक्षण एवं विकास निधि के लिए 50 करोड़ रुपये और अंतरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान के लिए 20 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया है।
प्रदेश सरकार ने अपने अनुपूरक बजट में भी प्राथमिक से लेकर उच्च व तकनीकी शिक्षा की बेहतरी व सुधार के लिए लगभग 1551 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है। इसमें निजी स्कूलों में कक्षा एक से आठ के बच्चों को निःशुल्क व अनिवार्य शिक्षा के लिए बजट प्रतिपूर्ति को 268 करोड़ के बजट का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। अनुपूरक बजट में पिछड़ी जातियों के कक्षा 1 से 10 तक के बच्चों को छात्रवृत्ति और अनावर्ती सहायता के मद में 30 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। दशमोत्तर छात्रवृत्ति, शुल्क प्रतिपूर्ति के मद में 300 करोड़ रुपये की अतिरिक्त रकम का प्रावधान किया गया है। राजकीय मेडिकल कॉलेजों के लिए 474 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। राजकीय मेडिकल कॉलेजों के कर्मचारियों और डॉक्टरों के वेतन के लिए 174 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
इसके अलावा, गरीबों बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ने के लिए पैसे की कमी न झेलनी पड़े, इसके लिए आरटीई के तहत 268 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। स्कूलों का इंफ्रास्ट्रक्चर दुरुस्त करने के लिए केंद्र की पीएम श्री योजना में भी अतिरिक्त धनराशि की व्यवस्था की गई है। इस योजना के तहत 160 करोड़ रुपये का आवंटन होगा। राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में इंफ्रास्ट्रक्चर और नए निर्माण के लिए 383 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। नकलविहीन परीक्षा करवाने के लिए 25 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में नए पावर प्लांट गर्मी से पहले शुरू हो जाएं, इसके लिए अनुपूरक में व्यवस्था की है। ओबरा-सी परियोजना के लिए 100 करोड़, जवाहरपुर तापीय परियोजना के लिए 75 करोड़ और घाटमपुर तापीय परियोजना के लिए 150 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इन प्लांटों से 3000 मेगावॉट से अधिक बिजली का उत्पादन होगा। शहरों में बिजली वितरण व्यवस्था दुरूस्त करने के लिए 1,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
नगरीय क्षेत्रों, विशेषकर नोएडा और मऊ में वितरण प्रणाली को मजबूत करने के लिए 1,028 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। बिजली कंपनियों का बढ़ता घाटा सरकार के लिए बड़ी चिंता का विषय है। इसकी मुख्य वजह बिजली चोरी है। इसे रोकने के लिए 3200 करोड़ रुपये, रिवैम्प्ड डिस्ट्रिब्यूशन सेंटर स्कीम के तहत 511 करोड़ रुपये और स्मार्ट मीटरिंग के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। प्रदेश में सड़क और पुलों के निर्माण व उनकी मरम्मत के लिए 4250 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। सड़क और पुलिया की मरम्मत के लिए 300 करोड़ रुपये, राज्य सड़क निधि के अंतर्गत सड़कों के अनुरक्षण के लिए 250 करोड़, औद्योगिक और लॉजिस्टिक पार्क में 4 लेन सड़क के लिए 250 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। नए जिला मार्गों के लिए 106 करोड़ और शहरी क्षेत्रों में पुलों के निर्माण के लिए 39 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। केंद्र की योजनाओं को मिलेगी रफ्तार केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत शौचालय निर्माण के लिए 1,523 करोड़ और राष्ट्रीय ग्रामीण अजीविका मिशन के लिए 110 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के क्रियान्वयन के लिए 85 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। ग्रामीण इलाकों में पेयजल पाइप लाइन बिछाने के लिए 700 करोड़ रुपये दिए गए हैं। साइबर क्राइम के खिलाफ मुहिम होगी तेज पुलिस के अलग-अलग कार्यालयों के लिए 464 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। महिला अपराधों पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश में बने 66 नए थानों में 66 लाख रुपये से महिला हेल्प डेस्क बनाई जाएंगी। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के लिए 20 करोड़ का प्राविधान बजट में किया गया है। जबकि खाद्य प्रसंस्करण नीति के क्रियान्वयन के लिए 54 करोड़ की व्यवस्था की गई है।
गो-संरक्षण केंद्रों की स्थापना के लिए 10 करोड़ पूर्वांचल में क्षेत्रीय विकास निधि के लिए 300 करोड़, बुंदेलखंड के लिए 75 करोड़ नई बसों की खरीद के लिए 100 करोड़ पर्यटन स्थलों के विकास के लिए 110 करोड़ मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के लिए 200 करोड़ की व्यवस्था बजट में की गई है। मुफ्त सिंचाई के लिए बिजली सब्सिडी के रूप में 900 करोड़ रुपये बजट में दिए गए हैं। खाद-बीज वितरण के लिए सहकारी समितियों को दस-दस लाख का ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा। गन्ना किसानों और सहकारी चीनी मिलों के लिए भी प्रावधान किया गया है।