अगले साल इस पवित्र दिन पर खुलेंगे कपाट
नई दिल्ली,एजेंसी। चार धाम में से एक गंगोत्री धाम का कपाट मंगलवार को बंद हो गया। गोवर्धन पूजा के दिन इस धाम का कपाट बंद होता है। धार्मिक परम्परानुसार अन्नकूट पर्व पर अभिजीत मुहूर्त में अपराह्न 11 बजकर 45 मिनट पर गंगोत्री धाम के कपाट बंद किए गए। इस अवसर पर पांच गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष रावल हरीश सेमवाल और सचिव सुरेश सेमवाल सहित सभी पांच थोकों के तीर्थ पुरोहित भी उपस्थित थे।
कपाट बंद होने के बाद मां गंगा की उत्सव डोली की यात्रा गंगोत्री धाम से शीतकालीन पड़ाव मुखबा के लिए प्रस्थान कराया गया। भैरोघाटी स्थित देवी मंदिर में रात्रि निवास के बाद गंगा जी की उत्सव डोली कल बुधवार को मुखबा गांव में पहुंचेगी मंगलवार को कपाट बंद होने के अवसर पर हजारों श्रद्धालु इसके साक्षी बने। मां गंगा की उत्सव डोली समारोहपूर्वक जयकारों के उदघोष के साथ मुखबा गांव के लिए रवाना हुई। मां गंगा का रात्रि विश्राम आज मां चंडी देवी मंदिर में होगा। कल मां गंगा की उत्सव डोली भैया दूज के पर्व पर अपने मायके मुखबा (मुखीमठ) पहुंचेगी। शीतकाल में मां गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखबा स्थित गंगा मंदिर में ही पूजा-अर्चना की जाएगी।
7 लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
जहाँ पिछले वर्ष 6 लाख 25 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने मां गंगा के दर्शन किए थे वहीं इस बार यह संख्या 9 लाख से ज़्यादा रही। उधर यमुनोत्री धाम के कपाट भी 15 नवंबर को भाईदूज के पर्व पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए जायेंगे। बीते दिन तक यमुनोत्री धाम में 7 लाख से ज़्यादा श्रद्धालु अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं।
अक्षय तृतीय पर खुलेंगे कपाट
2024 में चार मंदिरों में से दो (चार धाम), यमुनोत्री और गंगोत्री के पवित्र द्वार तीर्थयात्रियों के लिए अक्षय तृतीया के पवित्र दिन पर खुलेंगे. जोकि10 मई 2024 है. मंदिर समिति, केदार-बद्री मंदिर समिति की ओर अक्षय तृतीया के पवित्र दिन से पहले सटीक तारीखों की पुष्टि की जायेगी। अक्षय तृतीया हिंदू कैलेंडर में अत्यधिक पवित्र और समृद्ध दिन है और इसे आखा तीज के रूप में भी सम्मानित किया जाता है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह सौभाग्य लाने वाला होता है।
इसके बाद, अन्य दो मंदिर, केदारनाथ और बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के खुलने के कुछ ही दिनों बाद, मई के तीसरे या चौथे सप्ताह से तीर्थयात्रियों के लिए खुल जाएँगे। गंगोत्री धाम के कपाट बंदी के अवसर पर सिलक्यारा सुरंग में फंसे लोगों की कुशलक्षेम की कामना भी की गई।