बोले अतुल अन्याय के खिलाफ लडता रहूगा चाहे आमरण अनशन क्यों न करना पडे
चिकित्सक ने कहा कि विधायक का ऐसे बर्ताव से किसी को भी दिल का दौरा पड सकता है
मेरठ। गत सोमवार को मरीज के बिल काे लेकर न्यूटिमा अस्पताल का मामला सुलझने का नाम नहीं ले रहा है। जहां आईएमए अस्पताल के पक्ष में खुल कर खडा हो गया है। वही अब सपा के साथ आम आदमी पार्टी भी समर्थन में आ गयी है। आप के जिलाध्यक्ष अंकुश चौधरी व सपा विधायक ने पुलिस, प्रशासन से मुलाकात करने के साथ मेरठ विकास प्राधिकरण, प्रशासन से विधायक ने न्यूटिमा अस्पताल के नक्शे और मानकों के उल्लंघन की शिकायत करते हुए जानकारी मांगी है।
विधायक अतुल प्रधान ने कहा है कि वह लूटखसोट के सख्त खिलाफ है। मरीज या डॉक्टर जिसके साथ भी दिक्कत होगी हम उसके साथ खड़े नजर आएंगे। सीएमओ दफ्तर में हजारों आरटीआई पेडिंग है। वही आप के जिलाध्यक्ष ने खुद न्यूटिमा की शिकायत की है , करोड़ों रुपए एमडीए का अस्पताल पर बकाया है जिसे अब तक दिया नहीं है। वर्तमान सीएम कहते हैं सबका साथ सबका विकास तो विकास केवल अमीरों का नहीं गरीबों का भी होना चाहिए। असल में बुलडोजर चलना है तो गलत काम करने वालों पर चले।
अतुल प्रधान ने कहा कि शासन, प्रशासन सही जांच नहीं करेगा तो मैं मेरठ सहित आसपास के जिलों के लोगों को न्याय दिलाने के लिए खुद 10 नवंबर से डीएम दफ्तर पर आमरण अनशन पर बैठूंगा और भूख हड़ताल तब तक जारी रहेगी जब तक हमें न्याय न मिले। मैं आईएमए से मिलना चाहूंगा, खुद चाहता हूं वो अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ मुझसे मिले। हमारी बात सुनें। आईएमए बड़ा संगठन है उसकी मान प्रतिष्ठा है। डॉक्टर गरीबों की सेवा की शपथ लेते हैं। हमने भी विधायक रहते संविधान की शपथ ली है। मैं उस पर शत-प्रतिशत काम करुंगा। लेकिन ये गरीब लोग कहां जाएं जिनका अनाप, शनाप बिल बनता है।इस मामले में दोनों पक्षों को सुना जाए। आईएमए जब शपथ लेता है तो उसे पूरी क्यों नहीं करता। हम इस न्याय की लड़ाई को आगे ले जाएंगे। अगर डॉक्टर दोषी हैं तो उन पर भी एक्शन लिया जाए। कोरोना के बाद हर घर में ऐसी अलमारी है जिसमें दवाएं भरी हैं।
आइएमए के पास 120 पंजीकृत अस्पताल हैं, जबकि मेरठ में 1हजार अस्पताल चल रहे हैं। वो कैसे चल रहे हैं। जिनको मान्यता मिली है, वहां स्टाफ नहीं है, डॉक्टर नहीं है, एनओसी नहीं है मानक अधूरे हैं तो वो कैसे चल रहे हैं। डॉक्टर कोई और ऑपरेशन कोई और करके चला जा रहा है। विधायक ने एमडीए से न्यूटिमा अस्पताल के नक्शे के अनुसार निर्माण की जानकारी मांगी। विधायक का आरोप है कि अस्पताल के बेसमेंट को पार्किंग के लिए बनाया है वहां मरीजों की जान को खतरे में डालकर ओपीडी चल रही, ऑपरेशन हो रहा है। अस्पताल के बाहरी हिस्से पर बुलडोजर चलने वाला था। लेकिन घूस देकर, ताकत लगाकर उसे बचा लिया। विधायक ने एमडीए, डीएम से अस्पताल की शिकायत की है। इनकम टैक्स और जीएसटी का छापा डालने की अपील की है। यहां नकद में करोड़ों रुपए आईसीयू, वेंटिलेटर से लेकर इलाज के नाम पर लिए जा रहे हैं।
भाजपा सांसद की शह पर चल रहा अस्पताल
आप के जिलाध्यक्ष अंकुश चौधरी ने कहा कि जनप्रतिनिधि अगर जनता की आवाज उठाता है तो उस पर मुकदमा हो रहा है। आरोप लगाया कि न्यूटिमा अस्पताल पूरी तरह अवैध बना है। बेसमेंट में पार्किंग, खनन, नींव से लेकर पूरी इमारत भ्रष्टाचार पर खड़ी है। भाजपा के सांसद का बेटा इसमें कैंटीन चलाता है, भाजपाइयों के पूरे समर्थन पर यह लूट का अस्पताल चल रहा है। हम ये लूट नहीं होने देंगे। अतुल प्रधान के साथ हर तरह से खड़े हैं। अस्पताल के पास फायर सहित तमाम एनओसी नहीं है।
विधायक का बिहेव ऐसा हार्टअटैक आ जाए
वही न्यूटिमा अस्पताल के प्रबंधक डॉ. संदीप गर्ग का कहना है कि अतुल प्रधान हमारे अस्पताल में आए, उनका आने का तरीका शुरू से अराजक रहा है। सभ्य समाज में इस तरह का आना, हंगामा, मुर्दाबाद के नारे लगाना बिल्कुल सही नहीं है। उन्होंने मुझे मरीजों को बीच में छोड़कर ओपीडी से बुलाया। अगर वो ऐसे ही करते हैं तो किसी को भी दिल का दोरा तक पड़ सकता है। अतुल प्रधान का बिहेव ऐसा है कि किसी को हार्टअटैक हो जाए। विधायक दवा को लेकर जो आरोप लग रहा है वो बेबुनियाद हैं। वो एक माननीय हें जो जनता द्वारा चुने गए हैं, हम हमेशा उनका सम्मान करते हैं, लेकिन वो अनएक्सपेटेबल बिहेव करते हैं।
मरीज दवा कही से भी खरीदें हमारा दबाव नहीं
डॉ संदीप गर्ग ने कहा कि हमने पेशेंट को जो बिल दिया है उस पर दवा की कंप्लीट डिटेल और बिल सब क्लियर था। दवा जहां से चाहें खरीदें ये भी लिखा था। हमें अपना काम करना है। सीएमओ, प्रशासन अपना काम कर रहा है। हम विधायक से कहना चाहेंगे कि जब भी कंसेशन की बात हो तसल्ली से बात करें, पूरा कंसेशन देते रहेंगे देंगे। डेढ़ करोड़ की दवा में तीस लाख की दवाएं हम रिफंड करते हैं। पेशेंट 20 दिन डबल फ्रीक्वेंसी वेंटिलेटर फिर ऑक्सीजन पर रहा, उसे सारी चीजें बताई गईं थी। रुपए छोड़े भी गए।