पूर्वी चंपारण। शराबबंदी वाले बिहार में शराब पीने पर लोगों दंडित करने के प्रावधान के बीच एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसने शराबियों की पहचान के लिए किए जाने वाले परीक्षण की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्र खड़ा कर दिया है।वायरल वीडियो पूर्वी चंपारण जिले के रक्सौल अनुमंडलीय अस्पताल की बताई जा रही है।जिसमे शराबियों की पहचान के लिए डॉक्टर ब्रेथ एनलाइजर के जगह पेपर कोन का इस्तेमाल करते दिख रहे है।इतना ही नही उक्त डाक्टर के मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर जिला पुलिस ने 9 लोगों को शराबबंदी कानून के तहत जेल भी भेज दिया।यह पूरा मामला बीते 30 अक्टूबर की है,जिसका वीडियो 01 नवंबर से सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।
मिली जानकारी के अनुसार रक्सौल पुलिस ने 30 अक्टूबर को शराब पीने के आरोप में 11 लोगों को गिरफ्तार किया था। पुलिस टीम उन्हें मेडिकल जांच के लिए अनुमंडलीय अस्पताल ले गई।जहां डॉक्टरों के पास अस्पताल में सांस-विश्लेषक उपकरण या रक्त परीक्षण उपकरण नहीं होने की स्थिति में आरोपियो से पेपर का कोन बनाकर बारी बारी से फूंक मारने के लिए कहा गया,और फिर पेपर को सूंघकर यह रिपोर्ट तैयार कर दी कि पकड़े गये आरोपियो में 9 लोग नशे में है। फिर डॉक्टरों की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर रक्सौल पुलिस ने अपराधियों को उपमंडलीय अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
उल्लेखनीय है,कि बिहार शराबबंदी कानून के नियमानुसार शराबियो को पकड़े जाने पर अधिकारियों को रक्त परीक्षण की रिपोर्ट जैसे वैज्ञानिक प्रमाण अदालत में पेश करना जरूरी होता है। क्योंकि मेडिकल रिपोर्ट में रक्त में अल्कोहल का प्रतिशत होना चाहिए। इस मामले में न तो ब्रेथ एनालाइजर रिपोर्ट और न ही ब्लड टेस्ट की रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश की गई।
अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. राजीव रंजन ने मीडियाकर्मियों से कहा : “हमारे पास अल्कोहल परीक्षण करने के लिए ब्रेथ एनालाइजर या कोई अन्य बुनियादी ढांचा नहीं है। इसलिए, हमारे डॉक्टरों ने अपराधियों का परीक्षण करने के लिए पेपर कोन का विकल्प चुना है।
रक्सौल पुलिस स्टेशन के एसएचओ नीरज कुमार ने कहा विभाग ने एक ब्रेथ एनालाइजर दिया है, लेकिन यह काम नहीं कर रहा है।संपर्क करने पर जिला सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार सिंह ने कहा हमने वीडियो देखा है, जहां डॉक्टरों ने कागज से बने शंकु का उपयोग करके कथित रूप से नशे में लोगों का परीक्षण किया है। हमने इस उद्देश्य के लिए एक जांच समिति का गठन किया है। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। रक्सौल बिहार-नेपाल सीमा पर स्थित है और इसलिए वहां रहने वाले बड़ी संख्या में लोग शराब पीने के लिए खुली सीमाओं के पार नेपाल जाते हैं।