मिशन वात्सल्य एवं मिशन शक्ति योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए हुआ मंथन


विभिन्न विभागों और गैर सरकारी संगठनों के मध्य कन्वर्जेन्स पर विस्तृत कार्ययोजना की गई विकसित

सहारनपुर, 12 अक्टूबर 2023। प्रदेश की प्रत्येक महिला एवं बच्चे को सुरक्षित एवं सशक्त बनाने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा शुरू की गई मिशन वात्सल्य एवं मिशन शक्ति योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए बुधवार को सर्किट हाउस में मंडल स्तरीय कार्यशाला का आयोजन मंडलायुक्त सहारनपुर हृषिकेश भास्कर यशोद की अध्यक्षता में किया गया। कार्यशाला में निदेशक महिला कल्याण संदीप कौर सहित मुजफ्फरनगर, शामली व सहारनपुर जनपद के जिलाधिकारी ऑनलाइन मौजूद रहे।
विदित है कि प्रदेश के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रत्येक मंडल में ऐसी कार्यशालाएं आगामी दो माह में आयोजित की जानी है और प्रदेश के सीमावर्ती मंडल सहारनपुर से इनकी शुरुआत की गई है। इन कार्यशालाओं का मुख्य उद्देश्य मंडल एवं जनपद स्तर पर कार्यरत विभिन्न विभागों के अधिकारियों व कार्मिकों के मध्य मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति योजनाओं के क्रियान्वयन पर समझ विकसित करना तथा विभागों के मध्य कन्वर्जेंस को बढ़ावा देना है।
कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों को मिशन वात्सल्य के अंतर्गत संस्थागत देखरेख, गैर संस्थागत देखरेख व कन्वर्जेंस आवश्यकताओं और धटकों तथा मिशन शक्ति योजना के अंतर्गत उपयोजनाओं संबल और सामर्थ्य के मुख्य घटकों के बारे में संवेदित किया गया। इसके साथ ही मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति से संबंधित मंडल स्तरीय कार्ययोजना का निर्माण किया गया।
मंडलायुक्त सहारनपुर हृषिकेश भास्कर यशोद ने कहा कि प्रत्येक जनपद में बच्चों व महिलाओं के लिए गृहों की आवश्यकता का आंकलन कर गैर सरकारी संगठनों के माध्यम से इन्हें संचालित कराना जरूरी है। साथ ही जनपद स्तर पर जिलाधिकारी नियमित रूप से पर्याप्त समय देते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत संचालित योजनाओं और क्रियान्वित किये जाने वाले कानूनों की गहन समीक्षा करें।
निदेशक महिला कल्याण संदीप कौर ने कहा कि हमने जनपदों की आवश्यकताओं को देखते हुए प्रत्येक मंडल स्तर पर बच्चों व महिलाओं की विभिन्न श्रेणियों से संबंधित गृहों के संचालन की योजना बनाई है। साथ ही गैर संस्थागत देखरेख को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये हैं, जिसमें जरूरतमंद बच्चों को 4000 रुपये प्रतिमाह दिये जाने का प्रावधान है।
जिलाधिकारी मुजफ्फरनगर अरविंद मलप्पा बंगारी ने कहा कि इन योजनाओं से परिवार सशक्त होंगे। जिलाधिकारी शामली रविन्द्र सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं को लागू किया गया है पर इन्हें धरातल पर सशक्त करना हमारा काम है। जिलाधिकारी सहारनपुर दिनेश चन्द्र सिंह ने कहा कि इस कार्यशाला से विभिन्न विभागों के मध्य कन्वर्जेंस के बिन्दुओं में स्पष्टता आयेगी।
यूनिसेफ के बाल संरक्षण विशेषज्ञ सैयद मंसूर उमर कादरी ने कहा कि हमें बच्चों और महिलाओं को सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए विभिन्न स्तरों पर गठित बाल कल्याण एवं संरक्षण समितियों को क्रियान्वित करना होगा। साथ ही विभागीय सुविधाओं की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देना होगा।
कार्यशाला में तीनों जनपदों द्वारा योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए विस्तृत कन्वर्जेंस कार्ययोजना बनाई गई, जिसमें योजनाओं के क्रियान्वयन में आने वाली चुनौतियां और उनको दूर करने के लिए विभागों द्वारा की जाने वाली अपेक्षित कार्यवाही व समय सीमा तय की गई।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित अपने सभी प्रमुख कार्यक्रम को दो प्रमुख अम्ब्रेला योजनाओं-मिशन शक्ति एवं मिशन वात्सल्य-के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है। दोनों योजनाओं का मुख्य लक्ष्य महिलाओं, तथा बच्चों के सर्वांगीण विकास व उनके संरक्षण एवं सशक्तीकरण को सुनिश्चित किया जाना है।
मिशन वात्सल्य का लक्ष्य है जोखिमपूर्ण एवं कठिन परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों को आवश्यक सहायता उपलब्ध कराना। योजना के अंतर्गत नवाचार को बढ़ावा देने पर बल दिया गया है। साथ ही महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा, संरक्षण और सशक्तीकरण के उद्देश्य से मिशन शक्ति योजना शुरू की गई है। जिसके अर्न्तगत विभिन्न विभागों के कर्न्वेजन्स के माध्यम से मिशन के लक्ष्यों को प्राप्त किये जाने को महत्ता दी गई है।
कार्यशाला में तीनों जनपदों के मुख्य विकास अधिकारी, महिला कल्याण विभाग के उपनिदेशक बी के सिंह, बाल संरक्षण विशेषज्ञ यूनिसेफ उत्तर प्रदेश सैयद मंसूर उमर कादरी, मुख्यालय महिला एवं बाल विकास विभाग से राज्य परामर्शदाता नीरज मिश्र, प्रीतेश तिवारी व जावेद अंसारी सहित जनपद सहारनपुर, मुजफ्फरनगर तथा शामली के विभिन्न विभागों यथा पुलिस, स्वास्थ्य, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार, दिव्यांगजन, श्रम, शिक्षा, कौशल विकास मिशन आदि के जनपद स्तरीय अधिकारी तथा बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड, जिला बाल संरक्षण इकाई, वन स्टॉप सेंटर, हब फॉर वूमेन इम्पावरमेंट, आदि के सदस्य मौजूद रहे।

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