स्क्रैप से बने हॉरर कैरेक्टर को बता दिया बापू
रचनात्मकता के नाम पर डकारे 1.25 लाख रुपये
फजीहत के बाद नगर निगम ने हटाई महात्मा गांधी की स्टैच्यू
फिर कुडे ढोने वाले गाड़ी में स्टेच्यू को लेकर घूमती रही निगम की गाडी
मेरठ। कमिश्नरी पार्क पर जिस राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की कबाड के जुगाड से बनी हॉरर स्टेच्यू को गांधी जयंती पर 2 अक्टूबर को लगाया गया था उसी स्टेच्यू को फजीहत होने के बाद नगर निगम ने सोमवार को हटा दिया गया। इतना नहीं स्टैच्यू को हटाने के बाद निगम की कुडे ढाने वाली गाडी में ले जाकर गांधी का अपमान किया गया। स्टैच्यू हटाने की वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। अब निगम के अधिकारी अपनी सफाई देते फिर रहे है।
मेरठ के क्रान्ति भूमि पर नगर निगम का कबाड़ से जुगाड़ अभियान में कबाड़ से जुगाड कर कलाकृतियां बनाकर शहर के चौराहों को सजाया जाने लगा। जिसकी तारीफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात प्रोग्राम में भी की। शासन से वाहवाही लूटने के चक्कर में निगम ने जल्दबाजी में कमिश्नरी चौराहे पर राष्ट्रपिता की स्टैच्यू लगाई। लेकिन स्टैच्यू की शक्ल काफी बिगड़ी हुई थी। लोगों की मानें तो उनका कहना था कि इस स्टैच्यू की शक्ल काफी डरावनी है।कबाड से बनी महापुरूष स्टेच्यू पर न हाथ है न पैर है। बापू के सिर को कीलों से बनाया गया है। सिर का अनावरण टूटी लोहे की पत्तियों से बनाया गया । इसका फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। लोगों ने इस स्टैच्यू का जमकर विरोध किया।ऐसा करके नगर निगम ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान किया है। फजीहत होने के बाद सोमवार को निगम के कर्मचारी कमिश्नरी पार्क में पहुंचे जहां पर कबाड़ से बनी महात्मा गांधी की स्टैच्यू लगी थी। स्टैच्यू को हटाने के ड्रिल से काटा गया। बाद में उसे निगम की कूड़ा ढोने वाली गाडी में डालकर उस पर कपड़ा ढककर लेकर निगम की गाडी शहर की सड़कों पर घूमती रही।
2 अक्टूबर को हुआ था स्टेच्यू का उद्घाटन
2 अक्टूबर, गांधी जयंती के दिन नगर निगम ने इसे कमिश्नर कार्यालय के बाहर सेल्फी प्वाइंट वाली जगह पर लगाया था। इसे इको इंडिया इनोवेशन कंपनी के आर्टिस्ट डॉ. प्रिंस राज ने तैयार किया है। इसे इस लिहाज से बनाया गया था कि लोग बापू की फोटो के साथ सेल्फी ले सकें। नगर आयुक्त अमित पाल ने इसका उद्घाटन किया था। उस निगम के अपर नगर आयुक्त प्रमोद कुमार, प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी हरपाल सिंह और टीम लीडर मयंक मोहन भी इसके उद्घाटन के समय मौजूद थे।
बोले निगम के अधिकारी
अपर नगर आयुक्त प्रमोद कुमार का कहना है कि 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के मौके पर कबाड़ से जुगाड़ करके बापू का यह स्टैच्यू तैयार किया गया। इसको लेकर हमने जनता से फीडबैक भी मांगा था। जनता ने इसको लेकर अपने कई सुझाव दिए और पसंद भी किया है। यह परमानेंट स्टैच्यू नहीं था। अभी केवल फीडबैक के लिए इसे लगाया गया था। फिलहाल इसे हटा लिया गया है। इसे और अच्छे से बनाकर इसे कहीं और लगाया जाएगा।