पढ़े-लिखे उम्मीदवार को वोट करने की बात करने वाले टीचर को Unacademy ने नौकरी से निकाला

नई दिल्ली। शिक्षित उम्मीदवारों को वोट देने के लिए कहकर चर्चा में आए शिक्षक को एडटेक प्लेटफॉर्म अनएकेडमी ने बर्खास्त कर दिया।
अनएकेडमी के कानूनी संकाय करण सांगवान ने संसद में पेश आईपीसी, सीआरपीसी से संबंधित बिलों पर सवाल उठाए। एक वीडियो में शिक्षक ने अपने छात्रों से अगली बार शिक्षित उम्मीदवारों को वोट देने की अपील की। इस अपील के बाद अनएकेडमी ने शिक्षक को यह कहते हुए बर्खास्त कर दिया कि कक्षा व्यक्तिगत राय और विचार साझा करने के लिए सही जगह नहीं है।

अनएकेडमी ग्रुप के सह-संस्थापक रोमन सैनी ने कहा, “हम जो कुछ भी करते हैं उसके केंद्र में हमारे शिक्षार्थी होते हैं। कक्षा व्यक्तिगत राय और विचार साझा करने की जगह नहीं है, क्योंकि वे उन्हें गलत तरीके से प्रभावित कर सकते हैं। करण सांगवान से आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे थे।ऐसी स्थिति में हम उन्‍हें हटाने के लिए मजबूर हैं। ” उन्होंने यह भी कहा, “हम एक शिक्षा मंच हैं, जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। ऐसा करने के लिए हमने अपने सभी शिक्षकों के लिए एक सख्त आचार संहिता लागू की है, इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हमारे शिक्षार्थियों को निष्पक्ष ज्ञान तक पहुंच प्राप्त हो।”

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शिक्षक को बर्खास्त करने के कदम पर आपत्ति जताई और कहा कि क्या लोगों से शिक्षित व्यक्ति के लिए वोट मांगना अपराध है। अनएकेडमी के सह-संस्थापक रोमन सैनी ने कहा कि सांगवान ने अनुबंध का उल्लंघन किया है, इसलिए कंपनी को उनसे अलग होना पड़ा। सैनी ने कहा कि शिक्षार्थियों को निष्पक्ष ज्ञान प्रदान करने के उद्देश्य से सभी शिक्षकों के लिए सख्त आचार संहिता हैं। “कक्षा उन्हें गलत तरीके से प्रभावित करने की जगह नहीं है।”
शिक्षक ने की थी पढ़े-लिखे उम्मीदवार को वोट करने की बात
अपने वीडियो में सांगवान को छात्रों से शिक्षित राजनेताओं को चुनने के लिए कहते हुए सुना जा सकता है। वह ब्रिटिश काल के आईपीसी, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को बदलने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में पेश बिल पर चर्चा कर रहे थे।

सांगवान ने कहा, “एक बात ध्यान रखें। अगली बार किसी ऐसे व्यक्ति को वोट दें, जो पढ़ा-लिखा हो, ताकि आपको दोबारा इस स्थिति से न गुजरना पड़े। किसी ऐसे व्यक्ति को चुनें, जो शिक्षित हो, जो चीजों को समझता हो। किसी ऐसे व्यक्ति को न चुनें, जो केवल चीजों को बदलना जानता हो। सोच-समझकर निर्णय लें।”
शिक्षक ने कहा कि वह इस विवाद की जानकारी 19 अगस्त को अपने यूट्यूब चैनल पर साझा करेंगे।

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