नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी ने सोमवार को कहा कि सीएजी रिपोर्ट ने भारत को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने का दावा करने वाली केंद्र सरकार का असली चेहरा उजागर कर दिया है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीएजी की ताजा रिपोर्ट पर आधारित एक मीडिया रिपोर्ट को ट्वीट कर कहा कि मोदी सरकार ने आजाद भारत में भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने भी पीएम मोदी के भ्रष्टाचार मुक्त भारत के दावों पर सवाल उठाए। “नवीनतम सीएजी रिपोर्ट के अनुसार, यह पाया गया है कि भाजपा ने पिछले 9 वर्षों में सबसे बड़ा घोटाला किया है। यह घोटाला हर किसी को चौंका देगा और सरकार के पास इन घोटालों से जुड़े सवालों का कोई जवाब नहीं है।
सिंह ने आरोप लगाया, “जब द्वारका-एक्सप्रेसवे परियोजना तैयार की जा रही थी, तो इसका शुरुआती खर्च 18 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर था, लेकिन जब यह तैयार हो गया, तो इसकी लागत 250 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर थी।”
उन्होंने कहा कि प्रसिद्ध ‘भारतमाला परियोजना’ के तहत इस योजना के तहत देशभर में 75000 किलोमीटर सड़कें बनाई जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि 1 किमी सड़क के निर्माण की शुरुआती लागत 15 करोड़ रुपये थी, लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार ने इसे बढ़ाकर 25 करोड़ रुपये कर दिया। इस पूरे प्रोजेक्ट में 750000 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है।
सिंह ने कहा, “भारतमाला के बहाने उन्होंने खुद को वैभवशाली बना लिया है। केवल एक ही व्यक्ति है जो वास्तव में पीएम मोदी का प्रिय है और उसने देश के विभिन्न हिस्सों में भारतमाला परियोजनाएं हासिल की हैं।“
उन्होंने कहा, “केरल, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडि़शा और मध्य प्रदेश राज्यों में – अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, गुजरात – अडानी रोड ट्रांसपोर्ट लिमिटेड और छत्तीसगढ़ में – अडानी समूह, अडानी और उनके उद्यम इस घोटाले के सबसे बड़े लाभार्थी हैं।”
संजय सिंह ने कहा कि भाजपा ने भगवान राम तक को नहीं छोड़ा, सीएजी रिपोर्ट के मुताबिक, अयोध्या विकास प्राधिकरण ने अयोध्या विकास परियोजना में 19 करोड़ 73 लाख रुपये का घोटाला किया है।
सिंह ने नवीनतम सीएजी रिपोर्ट के निष्कर्षों का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि ‘आयुष्मान भारत’ योजना के तहत भ्रष्टाचार हुआ है।
उन्होंने कहा कि सिर्फ तीन सेल नंबरों पर करीब 10 लाख मरीज पंजीकृत हैं।
मप्र में 400 सौ लोग मर चुके हैं, लेकिन उनका इलाज आयुष्मान भारत योजना के तहत हो रहा है और 8000 लोग एक ही समय में अलग-अलग अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं।
हरियाणा में एक साथ 4121 मरीज अलग-अलग अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं।
संजय सिंह ने कहा, “सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि रिपोर्ट कहती है कि एक महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया, लेकिन मां और बच्चे का इलाज अलग-अलग अस्पतालों में होना दिखाया गया।”