पटना। बिहार पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि मोदी सरनेम वाले सभी व्यक्तियों को चोर बताने वाली गैरजिम्मेदाराना टिप्पणी के कारण राहुल गांधी की सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ रोक लगाई है, उन्हें दोषमुक्त नहीं किया है। इससे उन्हें मिली तात्कालिक राहत पर लालू प्रसाद सबसे ज्यादा खुश और नीतीश कुमार सबसे ज्यादा दुखी होंगे।
मोदी ने कहा कि कोर्ट के फैसले के बाद राहुल गांधी ने सबसे पहले सिर्फ लालू प्रसाद से भेंट की और जदयू को दरकिनार रखा। उन्होंने कहा कि उत्साहित कांग्रेस अब राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के अघोषित उम्मीदवार के रूप में खुलकर प्रोजेक्ट करेगी। उसके बढते प्रभाव वाले गठबंधन में नीतीश कुमार, शरद पवार और ममता बनर्जी को ज्यादा तरजीह क्यों मिलेगी?
मोदी ने कहा कि बेंगलुरु बैठक में ही जब कांग्रेस ने नीतीश कुमार की उपेक्षा शुरू कर दी थी, तब मुंंबई बैठक में विपक्षी गठबंधन का संयोजक पद ऐसे व्यक्ति को मिलना मुश्किल है, जो स्वयं ‘दूल्हा’ बनना चाहता हो।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और लालू प्रसाद मिलकर जब संसदीय चुनाव के लिए टिकट का बंटटवारा करेंगे, तब जदयू को किनारे ही लगाएंगे। मोदी ने कहा कि कानून की नजर में राहुल अब भी मानहानि के मामले में सजायाफ्ता हैं, यह अलग बात है कि सजा पर रोक लगने से फिलहाल उनकी संसद सदस्यता बहाल हो सकती है।
उन्होंने कहा कि जो लोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी से इतरा रहे हैं, उन्हें उसी फैसले में राहुल गांधी के बयान पर न्यायालय की हिदायत और टिप्पणी भी पढनी चाहिए।
मोदी ने कहा, ”राहुल को एक मामले में फौरी राहत मिली है, जबकि सावरकर पर टिप्पणी करने और नेशनल हेराल्ड की संपत्ति हड़पने जैसे मामलों में फैसला आना बाकी है। दूसरे मामलों में राहुल गांधी को ऐसी सजा नहीं मिलेगी, इसकी गारंटी कोई नहीं ले सकता।”