बुलंदशहर। बरसात के मौसम में तरह की बीमारियां हो जाती हैं। इसी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान चला रहा है। इसके तहत लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जा रहा है। संचारी रोग से बचाव के लिए स्वयं व्यक्ति को जागरूक होना जरूरी है। बरसात के बाद अब अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या बढ़ना शुरू हो गई है। जिला अस्पताल से लेकर अन्य अस्पतालों तक सर्दी जुकाम, बुखार सहित अन्य रोगों के मरीज पहुंच रहे हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ विनय कुमार सिंह ने बताया – बारिश के मौसम में बच्चों में सर्दी जुकाम, डायरिया और चर्म रोग से संबंधित बीमारियां होने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। इसके साथ -साथ सिरदर्द, बुखार, कब्ज और भूख न लगना जैसे कई लक्षण बच्चों में देखे जाते हैं। बारिश के दिनों में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के भी मामले सामने आते हैं। अगर बच्चों में यह लक्षण दिखाई दें तो परिजन लापरवाही न बरतें और चिकित्सक से सलाह लेकर तुरंत दवा दें। सीएमओ ने बताया – बारिश के मौसम में मच्छर और मक्खियां बढ़ जाती हैं। मक्खियों के खाने पर बैठने से खाद्य पदार्थों के रास्ते भी काफी बीमारियां फैलने का खतरा रहता है। बारिश के मौसम में नमी होने की वजह से वायरस और बैक्टीरिया भी बढ़ते हैं।
जिला पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डा. रमित कुमार ने बताया- बारिश के बाद जगह-जगह गंदा पानी जमा हो जाता है। चूंकि बच्चों को पानी से ज्यादा लगाव होता है इसलिए वह मना करने के बावजूद पानी में खेलते हैं। छोटे बच्चे कहीं भी, किसी भी चीज को छू लेते हैं और फिर उसी हाथ की अंगुलियों को मुंह में डाल लेते हैं। ऐसे में उनके बीमार पड़ने की आशंका ज्यादा होती है। माता-पिता को चाहिए कि वह बच्चों को गंदे पानी में न खेलने दें। घर के आस-पास गंदे पानी को इकट्ठा न होने दें। बच्चों को बाहर का खाना न खिलाएं।
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इन चीजों का भी रखें विशेष ध्यान
कूलर और गमले में पानी को समय-समय पर बदलते रहें।
सब्जियां, पीने का पानी और फलों को साफ रखें।
घर में मच्छर भगाने वाली दवा का इस्तेमाल करें।