मुजफ्फरनगर। अक्सर लोगों को लगता है कि टीबी सिर्फ फेफड़ों की बीमारी है, लेकिन हकीकत इसके विपरीत है। दरअसल टीबी एक ऐसी बीमारी है, जो नाखूनों और आलों को छोड़कर शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है। महिलाओं में होने वाली टीबी की बीमारी यानी ट्यूबरकुलोसिस गर्भाशय पर काफी बुरा असर डालती है, इसके कारण महिलाएं बांझपन की शिकार भी हो जाती है।
जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ. लोकेश चंद गुप्ता ने बताया- यह बात सही है कि माइको बैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस नाम के बैक्टीरिया के कारण होने वाला यह रोग फेफड़ों को अधिक प्रभावित करता है, लेकिन यह भी सच है कि टीबी की बीमारी शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है, महिलाओं के गर्भाशय या यूटरस के किसी भी हिस्से यानी ओवरी, फैलोपियन ट्यूब, गर्भाशय का मुंह और वजाइना और वजाइना के मुख के आसपास लिम्फ नोड्स को प्रभावित कर सकती है। पुरुषों में, यह रोग प्रोस्टेट ग्लैंड और टेस्टीज को प्रभावित कर सकता है।
डीटीओ डा. गुप्ता ने बताया – फेफड़ों की टीबी एक ऐसी बीमारी है, जो संक्रमित व्यक्ति के माध्यम से आसानी से फैल जाती है। टीबी खांसी और छींकने से फैलती है। अगर आप फिजिकल रूप से संक्रमित व्यक्ति के करीब हैं, तो टीबी होने की संभावना बढ़ जाती है, क्योंकि इस तरह का इंफेक्शन आसानी से हवा के माध्यम से फैल जाता है। शुरुआत में यह बीमारी फेफड़ों पर असर करती है, फिर बाद में बैक्टीरिया खून के जरिए दूसरे भाग में पहुंच जाता है। कमजोर इम्युनिटी वाले लोग आसानी से टीबी के शिकार हो जाते हैं।
ये कराएं टेस्ट
फेफड़ों की टीबी के लक्षण आसानी से पता चल जाते हैं, लेकिन यूटरस की टीबी के लक्षण कई बार पता नहीं चलते, हालांकि जांच के बाद इसका पता लगाया जा सकता है। सबसे पहले ब्लड टेस्ट होता है, यूटरस की बायोप्सी की जाती है, इसके अलावा जेनेटिक टेस्ट भी होता है। इसके अलावा शरीर में कहीं भी टीबी का पता लगाने के लिए ट्यूबरकुलीन स्किन टेस्ट किया जाता है। जिससे टीबी के इंफेक्शन का पता चलता है।