मुज़फ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर से बड़ी हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। मुज़फ्फरनगर शहर कोतवाली के मालखाने से पुलिस के पहरे के बीच पिछले चार दशक से लगातार कारतूस गायब होते रहे। अधिकारी बदलते रहे, लेकिन किसी को भनक तक नहीं लगी। मालखाने व सरकारी संपत्ति के चार्ज के आदान-प्रदान के दौरान कारतूस गायब होने का मामला सामने आया है। पुलिस मालखाने से बड़ी मात्रा में कारतूस गायब होने के बाद मुज़फ्फरनगर एसएसपी अभिषेक सिंह ने मामले की जांच शुरू करा दी है।
मामला मुज़फ्फरनगर जनपद की शहर कोतवाली का है जहा वर्ष 1981 से 2020 के बीच शहर कोतवाली के मालखाने से एक हजार से ज्यादा कारतूस गायब हो गए। जनपद की सबसे बड़ी कोतवाली के मालखाने से भारी पुलिस फ़ोर्स के बिच बड़ी संख्या में कारतूस कहां गए, किसी को भी नहीं पता ना कोतवाल को और ना मुंशी से लेकर सिपाही और मालखाना इंचार्ज को। चार अगस्त 2024 को शहर कोतवाली के मालखाने व सरकारी संपत्ति के चार्ज का आदान-प्रदान हुआ तो मामला अधिकारियों के सामने पहुंचा। एसएसपी के आदेश पर मामले की जांच एक कमेटी से कराई गई तो पूरा मामला सामने आया।
इस पुरे मामले में मुज़फ्फरनगर एसपीसिटी सत्यनारायण प्रजापत ने बताया कि थाना कोतवाली में जो मलखाना में राजकीय संपत्ति होती है उसका जब मिलान करवाया गया तो माल खाने में रखे गए कुछ कारतूस और जो अन्य संपत्ति गायब मिली। इस मामले में स्पीड ट्रैफिक की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है और कमेटी की जांच में यह तथ्य सच पाए गए। इस मामले में शहर कोतवाली में मालखाने से सामान गायब होने के संबंध में सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है इसमें जो पूर्व में माल खाने के इंचार्ज रहे हैं उनमें से एक हेड मोहरीर की मौत हो गई है। इसके अतिरिक्त जो अन्य पांच माल खाने के इंचार्ज रहे हैं उनके खिलाफ मुकदमा कायम किया गया है इस पूरे मामले की विवेचना शहर कोतवाली पुलिस निरीक्षक के द्वारा की जा रही है। किसी भी पुलिस कोतवाली या थाने का जो माल खाना होता है उसकी जिम्मेदारी हेड मोहरिर की होती है। जो शहर कोतवाली मलखाने के इंचार्ज रहे हैं उन सभी छह लोगों के खिलाफ ये कमी पाई गई है। इनमें से एक इंचार्ज की मौत हो गई है। अन्य पांच हेड मोहरीर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।