40 से ज्यादा हो गई है उम्र तो बढ़ गया है कैंसर का खतरा, अपनी सेहत को लेकर रहें सतर्क

 40 से ज्यादा हो गई है उम्र तो बढ़ गया है कैंसर का खतरा, अपनी सेहत को लेकर रहें सतर्क

मेरठ: एंड्रोमेडा कैंसर हॉस्पिटल ने 40 से ऊपर की उम्र के लोगों में कैंसर के रिस्क को लेकर अहम जानकारी साझा की, साथ ही जागरूकता, बचाव और अर्ली डिटेक्शन की अहम भूमिका पर प्रकाश डाला. जैसे-जैसे पुरुषों की उम्र बढ़ती है, उनमें कई तरह के कैंसर का रिस्क भी बढ़ जाता है. इस एज ग्रुप के लोगों में होने वाला सबसे ज्यादा आम कैंसर प्रोस्टेट कैंसर, लंग्स कैंसर, कोलोरेक्टल कैंसर, ब्लैडर कैंसर और मेलानोमा शामिल है.

प्रोस्टेट कैंसर 50 साल से ऊपर के लोगों में ज्यादा देखा जाता है, जो आमतौर पर धीरे-धीरे पनपता है और शुरुआती पीरियड में प्रोस्टेट ग्लैंड तक सीमित होता है. पीएसए ब्लड टेस्ट और डिजिटल रेक्टल एग्जाम (डीआरई) के जरिए इसका अर्ली डिटेक्शन होना काफी अहम है. कैंसर के कारण होने वाली मौतों में लंग्स कैंसर के मामले काफी ज्यादा रहते हैं और ये कैंसर मुख्य रूप से स्मोकिंग से जुड़े होते हैं. हालांकि, जो लोग स्मोक नहीं करते वैसे लोगों को स्मोक करने वालों के साथ उठने-बैठने और केमिकल्स के कारण फेफड़ों का कैंसर हो सकता है. जिन लोगों में कैंसर का ज्यादा रिस्क हो, वैसे लोगों को कम डोज वाला सीटी स्कैन कराना चाहिए. वहीं, कोलोरेक्टल कैंसर 50 वर्ष से अधिक की उम्र के लोगों में आम है और कोलोनोस्कोपी के जरिए अर्ली स्टेज कैंसर डिटेक्ट होता है. ब्लैडर कैंसर, 40 से ऊपर के लोगों में काफी आम है, और इसका यूरिन टेस्ट के जरिए पता लगाया जा सकता है. मेलानोमा, धूप के कारण होता है जिसके लिए लगातार स्किन चेकअप कराते रहने की जरूरत है.

एंड्रोमेडा कैंसर हॉस्पिटल सोनीपत में रेडिएशन ऑन्कोलॉजी के चेयरमैन डॉक्टर दिनेश सिंह ने कहा, ”कैंसर के खिलाफ जंग में पहला कदम बचाव है. 40 से अधिक वर्ष के पुरुषों को धूम्रपान छोड़ देना चाहिए, क्योंकि यह कई कैंसर का एक प्रमुख कारण है. फलों, सब्जियों, लीन प्रोटीन और साबुत अनाज से भरपूर स्वस्थ डाइट लेनी चाहिए, ताकि कैंसर के जोखिम को कम किया जा सके. रेगुलर एक्सरसाइज के जरिए वजन को संतुलित रखें, इससे कई तरह के कैंसर का रिस्क कम होता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, शराब कम हो या ज्यादा, इसका सेवन सही नहीं है, ऐसे में शराब छोड़ने से कुछ प्रकार के कैंसर का खतरा कम हो सकता है. सनस्क्रीन का उपयोग करके और स्किन को बचाने वाले कपड़े पहनने से धूप से बच सकते हैं जिससे स्किन कैंसर को रोकने में मदद मिलती है.”

कैंसर का जल्द से जल्द पता लग जाने से इलाज के नतीजे एकदम उलट हो सकते हैं. जो लोग 40 की उम्र पार कर चुके हैं उन्हें लगातार अपने डॉक्टर से कंसल्ट करके चेकअप कराते रहने की जरूरत है. अगर किसी भी तरह कैंसर से जुड़े शुरुआती संकेत नजर आएं तो प्रॉपर मेडिकर केयर लें, ताकि रोग को डायग्नोज किया जा सके और फिर प्रभावशाली तरीके से इलाज किया जा सके.

डॉक्टर दिनेश ने आगे कहा, ”एंड्रोमेडा कैंसर हॉस्पिटल में विभिन्न प्रकार के कैंसर का इलाज स्टेट ऑफ आर्ट टेक्नोलॉजी की मदद से किया जाता है. ट्रू-बीम एसटीएक्स सिस्टम सबसे एडवांस रेडिएशन थेरेपी है, जिससे बहुत ही सटीक और सुरक्षित इलाज होता है और इसमें कैंसर के आसपास के स्वस्थ टिशू को भी नुकसान नहीं पहुंचता. ट्रू-बीम एसटीएक्स में पूरी सटीकता के साथ हाई-डोज रेडिएशन दी जाती है, जिससे इलाज का टाइम कम हो जाता है और मरीज के लिए ये पूरी प्रक्रिया बेहद आसान रहती है. इस टेक्नोलॉजी की मदद से प्रोस्टेट कैंसर, लंग्स और ब्रेन कैंसर समेत कई तरह के कैंसर को ठीक किया जा सकता है.”

जिन पुरुषों की उम्र 40 से ज्यादा हो गई हो उन्हें अपने स्वास्थ्य के बारे में काफी सतर्कता बरतने की आवश्यकता है. कैंसर के आम प्रकारों के बारे में समझें, सावधानीपूर्ण कदम उठाएं, कैंसर के अर्ली डिटेक्शन को प्राथमिकता पर रखें, ताकि अच्छे रिजल्ट आ सकें. एंड्रोमेडा कैंसर हॉस्पिटल में हम ट्रू-बीम एसटीएक्स जैसी शानदार टेक्नोलॉजी की मदद से अपने मरीजों को बेस्ट इलाज देते हैं. रेगुलर चेकअप और स्वस्थ लाइफस्टाइल अपनाकर कैंसर के रिस्क को कम किया जा सकता है और कैंसर के जन्म लेते ही इसका पता लगाया जा सकता है.

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