मुजफ्फरनगर। एसएसपी अभिषेक सिंह के निर्देशन में थाना बुढाना प्रभारी निरीक्षक आनंद देव मिश्र ने पुलिस टीम के साथ मिलकर नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म की सनसनीखेज घटना का खुलासा करते हुए घटना से सम्बन्धित चार आरोपियों को धर दबोचा है। गिरफ्तार किये गये आरोपियों द्वारा घटना को छिपाने के आशय से साक्ष्यों को नष्ट करना तथा घटना के सम्बन्ध मे पूर्ण जानकारी होते हुए भी पुलिस को झूठी जानकारी देकर गुमराह करना तथा दुष्कर्म के अभियुक्त को आश्रय प्रदान कर अभियुक्त को भागने में सहायता करने का अपराध कारित किया गया है, जिसके सम्बंध में पुलिस ने उनके खिलाफ थाने पर लिखा-पढ़ी करते हुए उन्हें जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया है।
एसपी देहात आदित्य बंसल ने प्रेसवार्ता में जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 14 फरवरी 2024 को वादी द्वारा लिखित तहरीर देकर थाना बुढ़ाना पुलिस को अवगत कराया कि वादी की भतीजी आयु करीब 7 वर्ष को अज्ञात अभियुक्त द्वारा बहला-फुसलाकर ले जाने व दुष्कर्म करने की घटना कारित की गयी है। प्राप्त तहरीर के आधार पर थाना बुढाना पुलिस द्वारा तत्काल संज्ञान ले सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया गया व अभियोग के शीघ्र एवं सफल अनावरण हेतु उच्चाधिकारीगण के निर्देशन में थाना बुढ़ाना पर पुलिस टीमों का गठन किया गया। गठित पुलिस टीम द्वारा मंगलवार को एक ही आशय से दुष्कर्म की घटना के साक्ष्यों को नष्ट करना तथा घटना के सम्बन्ध मे पूर्ण जानकारी होते हुए भी पुलिस को सूचना न देना, गुमराह कर झूठी जानकारी देना, दुष्कर्म के अभियुक्त को आश्रय देना व अभियुक्त को भागने में मदद करने वाले चार आरोपियों को कम्फर्ट सिनेमा से आगे बड़कता पुलिया बुढ़ाना-बड़ौत मार्ग से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार किये गये आरोपियों के नाम गौरव पुत्र हरवेन्द्र सिंह, आर्यन पुत्र सतीश कुमार, सागर बालियान पुत्र विरेन्द्र सिंह, सुशील कुमार पुत्र रामपाल सिंह निवासी ग्राम गढीनौआबाद थाना भौराकलां जनपद मुजफ्फरनगर है। थाना बुढ़ाना पुलिस द्वारा फरार मुख्य अभियुक्त मनोहर उर्फ सिंघम की गिरफ्तारी हेतु प्रयास किया जा रहा है। शीघ्र ही फरार मुख्य अभियुक्त की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जायेगी।
पुलिस को पूछताछ के दौरान अभियुक्तगण द्वारा बताया गया कि दिनांक 11 फरवरी 2024 को गौरव व आर्यन दो नौकर शिवा व मनोहर उर्फ सिंघम को लेकर आये। सिंघम, गौरव के यहाँ व शिवा, आर्यन के घर काम करने लगा। दिनाक 12 फरवरी 2024 को नौकर शिवा, गौरव के पास आ गया और नौकर मनोहर उर्फ सिंघम, आर्यन के घर काम करने लगा। दिनांक 14 फरवरी 2024 की सुबह हमारे गांव के सुशील पुत्र रामपाल का फोन आर्यन के फोन पर आया उसने कहा कि तेरा नौकर मनोहर उर्फ सिघम एक लडकी को लेकर शिकारपुर रोड पर है, आकर देख ले। गौरव व आर्यन मोटरसाईकिल लेकर भौराकलां रोड पर राजभोग होटल के पास आये तो सुशील के पास मनोहर उर्फ सिंघम व एक छोटी लडकी उम्र करीब 7 वर्ष थी। सुशील ने मनोहर से सारी बात पूछ ली थी। फिर आर्यन ने अपने दोस्त सागर पुत्र विरेन्द्र कुमार को फोन किया तथा अपने पास ही बुला लिया सागर भी मौके पर आ गया। हम चारों ने अपने नौकर मनोहर उर्फ सिंघम से सारी बात पूछी तो उसने बताया कि मैं इस लडकी को ग्राम खानपुर में चल रहे कार्यक्रम से उठा लाया तथा रास्ते में मैने इसके साथ गलत काम भी किया है सारी बात की जानकारी होने के बाद हमने सोचा कि कहीं हम भी न फंस जाये हमने सलाह मिलायी और सिंघम को हमने सागर के साथ इसकी ट्यूबैल पर भेज दिया तथा सागर से कहा कि उसे वही छुपाये रखना सुशील उस समय वहाँ से चला गया था। गौरव व आर्यन लडकी को अपने मोटरसाईकिल पर बिठाकर अपने गाव गढीनौआबाद में आर्यन के पिता सतीश पुत्र भंवरसिंह निवासी गढीनौआबाद के पास आये तथा सारी बात बतायी। आर्यन का भाई अर्जुन पुत्र सतीश निवासी उपरोक्त भी आ गया तथा हमारा दोस्त आदित्य पुत्र पप्पन निवासी गढी नौआबाद को भी हमने बुला लिया तथा सारी बात बतायी फिर आर्यन के पिता सतीश ने गांव खानपुर के रविन्द्र पुत्र श्यामवीर को बताया कि तुम्हारे गांव की कोई लडकी गायब है रविन्द्र ने बताया कि हमारे गांव की 1 लडकी रात से नहीं मिल रही है तो सतीश ने कहा कि लडकी हमारे पास है और मैं, गौरव व आर्यन को लेकर भेज रहा हूँ। सुशील ने गांव खानपुर के नीरज से भी फोन पर नौकर के सम्बन्ध में बात कर ली थी उसने भी लडकी के गायब होने के सम्बन्ध में बताया था नीरज को हम भी जानते है फिर हम दोनो लडकी को लेकर मोटरसाईकिल से ग्राम खानपुर में नीरज के पास आये नीरज ने पूछा कि लडकी कहां मिली थी तो हमने उसे झूठ बता दिया कि एक बिहारी जैसा नौकर लग रहा था, जिसके पास यह लडकी मिली हम उससे पूछताछ कर रहे थे। उसी दौरान वह बिहारी जैसा नौकर ईख के खेतो में भाग गया हमने काफी तलाश किया किन्तु नहीं मिला फिर हम उस लडकी को नीरज के साथ चलकर उसके परिवार वालो को सौंपकर चले आए। फिर हम गाव गढीनौआबाद में आये हमने आपस में सलाह की मैं व आर्यन व सतीश व अर्जुन व आदित्य चलकर सागर के ट्यूबैल पर आये हम सभी ने मिलकर सिंघम को सागर की ट्यूबैल पर ही रोके रखा व खाने पीने की व्यवस्था की सुशील भी शाम को हमारे पास ही आ गया।
पुलिस को पूछताछ में आरोपियो ंने बताया कि हमने सिंघम उर्फ मनोहर से सख्ती से पूछताछ की तो मनोहर ने बताया कि मैं घूमता- फिरता गांव खानपुर की ओर आ गया डीजे बज रहा था मैं भी वहाँ पहुंच गया यह लडकी बार-बार मेरे पास आ रही थी मैं इस लडकी को साथ लेकर चला आया मैं खेतों के रास्ते आ रहा था तथा एक खेत में मैंने इस लडकी के साथ गलत काम भी किया फिर मुझे जो आपके साथ जिसका नाम आप सुशील ले रहे थे मिल गया। हमने अपने नौकर से जब यह बात पूछी थी तब उसकी वीडियो भी बना ली थी दिनांक 14.02.24 को रात में भी हम सभी ने सलाह मिलाकर मनोहर उर्फ सिंघम को रोके रखा मुझे व आर्यन व सुशील को पुलिस ने कई बार बुलाया तथा पूछताछ की तथा स्केच भी बनवाया लेकिन हमने पुलिस को कोई भी बात सही नहीं बतायी और हम सारी बातो को पुलिस से छिपाकर पुलिस को गुमराह करते रहे, हमने मनोहर उपरोक्त का स्केच भी सही नहीं बनवाया। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि हम सातो व्यक्तियो ने यह सलाह कर ली थी कि पुलिस को जो बता दिया है उसके आलावा पुलिस को कोई भी बात नहीं बतानी है पुलिस ने जब भी हमसे पूछा हमने बही बात बताई दिनाक 15.02.24 को हमने सोचा कही ऐसा न हो कि हमारे नौकर की पहचान हो जाए किसी को पता चल जाए क्योंकि पुलिस इधर- उधर के सीसीटीवी कैमरे देख रही थी पहचान छुपाने के बजह से हमने घटना के समय मनोहर उर्फ सिघम ने जो कपडे व जूते पहन रखे थे उन सभी को सागर के ट्यूबैल के पास ही जला दिया था शायद जिस चादर में हमारा नौकर उस लडकी को लाया था व एक छोटा कपडा वही सागर के ट्यूबैल के पास हो सकता है हमने मनोहर को अर्जुन से घर से कपडे मंगवाकर पुराने कपडे व जूते पहनावा दिये थे उसके बाद दिनांक 15.02.24 को ही हमने सलाह करके अपने नौकर मनोहर उर्फ सिंघम को सागर व अर्जुन के साथ मौटरसाईकिल पर कही छोडने के लिये भेज दिया तथा उसे किराये के लिये 500 रुपये भी दिये। गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में थाना बुढ़ाना प्रभारी निरीक्षक आनंद देव मिश्र, उपनिरीक्षक रविन्द्र सिंह, सुरेन्द्रराव, आदित्य भाटी, हेड कांस्टेबल अमित कुमार, योगेश कुमार शामिल रहे।