नोएडा। जनपद के सामुदायिक-प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, उपकेन्द्रों, आयुष्मान भारत वेलनेस सेंटर सहित जनपद के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर बृहस्पतिवार को एकीकृत निक्षय दिवस मनाया गया। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत लोगों को जागरूक करने और टीबी मरीजों को खोजने के लिए चलाए जा रहे इस विशेष कार्यक्रम के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। जनपद में 14 एकीकृत निक्षय दिवसों में टीबी के 151 नए रोगी चिन्हित किये जा चुके हैं। गौरतलब है कि जनपद में हर महीने की 15 तारीख को एकीकृत निक्षय दिवस मनाया जाता है। 15 तारीख को अवकाश होने पर इस अगले कार्य दिवस में मनाया जाता है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ आर.पी. सिंह ने बताया- मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील कुमार शर्मा के निर्देशन में क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत लगातार जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग का पूरा प्रयास है कि वर्ष 2025 तक जनपद को टीबी मुक्त बनाया जाए। उन्होंने बताया- शासन के निर्देश पर हर महीने की 15 तारीख को एकीकृत निक्षय दिवस मनाया जाता है। इस दिवस पर जनपद के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर ओपीडी में आने वाले दस प्रतिशत मरीजों की लक्षणों के आधार पर टीबी की स्क्रीनिंग की जाती है।
अब तक 15 एकीकृत निक्षय दिवसों का आयोजन किया जा चुका है। 14 एकीकृत निक्षय दिवसों में करीब 2583 संभावित मरीज मिल चुके हैं, जिनमें टीबी जैसे लक्षण थे। प्रारंभिक जांच के बाद इनमें से 1990 मरीजों की जांच की गयी, जिसमें 151 मरीजों में टीबी की पुष्टि हुई। (बृहस्पतिवार को आयोजित 15वें एकीकृत निक्षय दिवस की रिपोर्ट आना अभी बाकी है) डा. सिंह ने बताया- बीमारी की पुष्टि होते ही मरीजों का उपचार शुरू कर दिया जाता है। आमतौर पर साधारण टीबी के मरीज छह माह का उपचार लेने के बाद ठीक हो जाते हैं। नियमित दवा न लेने अथवा अन्य कारणों से कुछ मरीजों को लंबे उपचार की जरूरत होती है।
जिला कार्यक्रम समन्वयक अम्बुज पांडेय ने बताया- जनपद में अब तक 15 एकीकृत निक्षय दिवस मनाए जा चुके हैं। पहला निक्षय दिवस 15 दिसम्बर 2022 को मनाया गया था, जिसमें 18 मरीजों में टीबी की पुष्टि हुई। दूसरा 16 जनवरी 2023 को मनाया गया, इसमें 10 रोगी सामने आये। 15 फरवरी को 11 नये मरीज मिले। 15 मार्च को 12 नये मरीज, 15 अप्रैल को आठ नये मरीज, 15 मई को 15 नये मरीज, 15 जून को 19 नये मरीज, 17 जुलाई को 19 नये मरीज, 15 अगस्त को सात नये मरीज, 15 सितम्बर को छह नये मरीज मिले। 16 अक्टूबर को 10 नये मरीज, 15 नवम्बर को तीन नये मरीज, 15 दिसम्बर को चार नये मरीज, 15 जनवरी को नौ नये मरीज मिले। इस तरह अब तक मनाये गये 14 एकीकृत निक्षय दिवसों में 151 नये टीबी के मरीज मिल चुके हैं। बृहस्पतिवार (15 फरवरी) को आयोजित 15वें एकीकृत निक्षय दिवस की रिपोर्ट आना अभी बाकी है। अम्बुज पांडेय ने बताया- एकीकृत निक्षय दिवस में लक्षणों के आधार पर 2583 संभावित मरीज चिन्हित किये गये। इनमें से 1990 लोगों के बलगम के सैंपल व अन्य जांच की गई। उन्होंने बताया- वर्तमान में जनपद में करीब 7855 मरीज उपचाराधीन हैं।
शीघ्र पहचान, शीघ्र उपचार जरूरी
जिला क्षय रोग अधिकारी का कहना है कि क्षय उन्मूलन के लिए सबसे जरूरी है टीबी मरीजों की शीघ्र पहचान होना, जितनी जल्दी पहचान, उतनी जल्दी उपचार और उतनी ही जल्दी टीबी संक्रमण का फैलना बंद। क्षय रोग इकाई का पूरा फोकस है कि टीबी मरीजों की जल्दी से जल्दी पहचान हो। उन्होंने बताया – पल्मोनरी (फेफड़ों की) टीबी मरीज के खांसने और छींकने से निकलने वाली बूंदों के सम्पर्क में आने से फैलती है। उपचार शुरू होने के दो महीने के बाद संक्रमण फैलने की आशंका लगभग खत्म हो जाती है।
लक्षण
डा. सिंह ने बताया- दो सप्ताह से अधिक खांसी या बुखार आना, खांसते समय बलगम या खून आना, रात में सोते समय पसीना आना, सीने में दर्द रहना, वजन कम होना, भूख कम लगना और थकान महसूस होना टीबी के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में तुरंत टीबी की जांच करानी चाहिए।