नई दिल्ली। एसकेएम ने किसान संगठनों के दिल्ली चलो मार्च को रोकने के लिए राज्य शक्ति के अति प्रयोग और लाठीचार्ज, रबर बुलेट, आंसू गैस के गोले और सामूहिक गिरफ्तारी का सहारा लेने के लिए मोदी सरकार का कड़ा विरोध और निंदा किया। यह आश्चर्य की बात है कि प्रशासन द्वारा किसानों के ऊपर आंसू गैस के गोले गिराने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया।
एसकेएम ने भारत भर में अपने सभी सदस्य संगठनों और उनकी इकाइयों से आह्वान किया है कि वे 16 फरवरी 2024 को पंजाब में किसानों पर हुए हमले का पूरे भारत के सभी गांवों में जोरदार विरोध करें और पूरे भारत में ग्रामीण बंद और औद्योगिक/क्षेत्रीय हड़ताल को और अधिक व्यापक और सफल बनाएं।
किसानों के शांतिपूर्ण संघर्ष पर हमला करने के लिए पुलिस और सशस्त्र सुरक्षा बलों को तैनात करने से पता चलता है कि मोदी सरकार ने लोगों का विश्वास खो दिया है। लोकतांत्रिक समाज में प्रत्येक नागरिक को शांतिपूर्वक विरोध करने का अधिकार है। सरकार की जिम्मेदारी है कि वह प्रत्येक वर्ग के लोगों के ज्वलंत मुद्दों को हल करे और उनकी आजीविका की रक्षा के लिए ठोस मांगों का समाधान करे।
एसकेएम ने मोदी सरकार को चेतावनी दी है कि अपनी वाजिब मांगों को लेकर सड़क पर उतरने को मजबूर लोगों के साथ सरकार या देश के दुश्मन जैसा व्यवहार न करें। किसानों की मुख्य मांग एमएसपी@सी2+50% का वादा भाजपा और वर्तमान प्रधानमंत्री ने 2014 के चुनावी घोषणा पत्र में किया था और 10 साल बाद भी इस वादे पर अमल नहीं हुआ।
एसकेएम ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि वे तुरंत सेना वापस बुलाएं और दिल्ली चलो विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के लिए किसानों के अधिकारों की रक्षा करें और चर्चा के माध्यम से किसानों और श्रमिकों के संघर्ष को हल करें। एसकेएम ने सभी समान विचारधारा वाले संगठनों से आम मांगों पर एकजुट होकर मुद्दे आधारित संघर्ष के लिए आगे आने की अपील जारी की है।